श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव का भारत को करना चाहिए था समर्थन: चिदंबरम

चेन्नई : वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका समर्थित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लेने के अपनी सरकार के फैसले से असहमति जताते हुए आज कहा कि भारत को उसका समर्थन करना चाहिए था. चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, यह मेरी निजी राय है. 23 देशों ने उसका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2014 1:04 PM

चेन्नई : वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका समर्थित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लेने के अपनी सरकार के फैसले से असहमति जताते हुए आज कहा कि भारत को उसका समर्थन करना चाहिए था.

चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, यह मेरी निजी राय है. 23 देशों ने उसका समर्थन किया और हमें भी उसका समर्थन करना चाहिए था भले ही उसको कमजोर कर दिया गया था; चिदंबरम ने कहा कि हो सकता है कि यह निर्णय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने लिया हो.

चिदंबरम तमिलनाडु के रहने वाले हैं जहां के लोगों में श्रीलंका में अल्पसंख्यक तमिलों से जुडे जातीय संघर्ष के प्रति एक भावनात्मक लगाव है. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया राज्य में राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे को लेकर आम सहमति नहीं है.

गत गुरुवार को भारत ने अमेरिका समर्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद प्रस्ताव पर मतदान में यह कहते हुए हिस्सा नहीं लिया यह अंतरराष्ट्रीय जांच का दखल देने वाले दृष्टिकोण थोपता है जो कि असंगत और अव्यावहारिकह्णह्ण होने के अलावा अनुत्पादक है. देश ने यद्यपि पूर्ववर्ती वर्षों में 2009 में कथित युद्ध अपराधों के आरोपी श्रीलंका के खिलाफ मतदान किया था क्योंकि उस समय संप्रग घटक द्रमुख और तमिलनाडु में सत्ताधारी अन्नाद्रमुक का काफी दबाव था.

द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि के उस बयान पर कि उनकी पार्टी कांग्रेस का समर्थन करने के लिए तैयार है यदि वह अपनी धर्मनिरपेक्ष पहचान साबित करे, चिदंबरम ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी नि:संदेह एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है.

चिदंबरम ने करुणानिधि की टिप्पणी का स्वागत किया लेकिन कहा कि वह हैरान हैं कि द्रमुख नेता उनकी पार्टी की धर्मनिरपेक्ष पहचान पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि उसने कभी किसी साम्प्रदायिक पार्टी का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा, हम हमेशा ही धर्मनिरपेक्षता की ओर रहे हैं.

उन्होंने कांग्रेस..द्रमुक गठबंधन का समर्थन करते हुए कहा, यदि वह (करुणानिधि) आते हैं, हम उनका स्वागत करेंगे. उन्होंने यद्यपि यह संभावना व्यक्त करने से इनकार कर दिया कि 24 अप्रैल को होने वाला लोकसभा चुनाव कौन जीतेगा क्योंकि पांच कोणीय मुकाबला है जिससे कुछ हैरान करने वाले चीजें सामने आ सकती हैं.

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