आरपीएन सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी, अरुण उरांव छत्तीसगढ़ के सचिव बने
रांची : आगामी विधानसभा और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी के तहत कांग्रेस लगातार झारखंड समेत अन्य राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिशों में जुटी हुई है. अपनी इसी योजना के तहत झारखंड कांग्रेस में नयी ऊर्जा का संचार करने के लिए यूपीए-2 सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे यूपी के […]
रांची : आगामी विधानसभा और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी के तहत कांग्रेस लगातार झारखंड समेत अन्य राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिशों में जुटी हुई है. अपनी इसी योजना के तहत झारखंड कांग्रेस में नयी ऊर्जा का संचार करने के लिए यूपीए-2 सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे यूपी के युवा नेता आरपीएन सिंह को पार्टी अालाकमान ने प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया है. मेन्युअल हक और उमंग सिंह को झारखंड में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गयी है. हक पहले से ही कांग्रेस में सचिव रहे हैं. उमंग यूथ कांग्रेस से जुड़े रहे हैं.
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झारखंड के रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी अरुण उरांव को छत्तीसगढ़ में सचिव बनाया गया है. वह इस राज्य के नये प्रभारी पीएल पूनिया के साथ पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे. अरुण उरांव के अलावा कमलेश्वर पटेल को भी छत्तीसगढ़ का सचिव बनाया है.
अरुण उरांव आदिवासी समुदाय से आते हैं और पार्टी को उम्मीद है कि वह आदिवासियों के मुद्दों को बेहतर तरीके से उठा सकेंगे. आदिवासी समुदाय में पार्टी की पैठ बनाने में मददगार साबित होंगे. पंजाब कैडर के धाकड़ पुलिस अधिकारी माने जानेवाले अरुण उरांव एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके ससुर कार्तिक उरांव झारखंड कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं. उनकी पत्नी गीताश्री उरांव भी झारखंड सरकार में मंत्री रह चुकी हैं.
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झारखंड में पार्टी को मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में युवाअों को पार्टी से जोड़ने की कवायद पिछले दिनों हुई थी. लेकिन, युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों के चुनाव में उतने वोटर नहीं थे, जितने सदस्य बनाये गये थे. यह पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था. संभवतः युवा आरपीएन सिंह को झारखंड कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त कर पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि कांग्रेस के लिए युवा बेहद अहम हैं.
इसलिए कांग्रेस में पिछले कुछ अरसे से रुकी संगठन की फेरबदल की कवायद फिर से शुरू हो गयी है. बुधवार को कांग्रेस हाइकमान ने कई राज्यों के प्रभारी बदल दिये. पार्टी महासचिव बीके हरिप्रसाद से छत्तीसगढ़ और झारखंड की जिम्मेदारी वापस ले ली गयी है. हालांकि, वह ओड़िशा का प्रभार उनके पास बना रहेगा.
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उल्लेखनीय है कि लंबे समय से बीके हरिप्रसाद के पास छत्तीसगढ़ का प्रभार था. पिछले विधानसबा चुनावों के दौरान भी वही छत्तीसगढ़ के प्रभारी थे. अगले साल छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में असेंबली चुनाव होने हैं. ऐसे में वहां की टीम का बदला जाना तय था. पिछले दिनों कांग्रेस ने अाधिकारिक तौर पर कहा था कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां की प्रदेश टीम को बदला जायेगा. इसके बाद ही गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों की टीम बदल गयी.