महबूबा मुफ्ती ने घाटी के लोगों को सिखाया आतंकवाद से लड़ने का गुर, बोलीं-डर के आगे जीत है…
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को घाटी के लोगों को आतंकवाद से लड़ने का गुर सिखाते हुए कहा कि डर के आगे जीत है. यहां के लोगों को इस डर से लड़ना होगा आैर सूबे को समृद्ध बनाने के प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि जीवन में डर से लड़ना ही संघर्ष […]
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को घाटी के लोगों को आतंकवाद से लड़ने का गुर सिखाते हुए कहा कि डर के आगे जीत है. यहां के लोगों को इस डर से लड़ना होगा आैर सूबे को समृद्ध बनाने के प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि जीवन में डर से लड़ना ही संघर्ष है. वह श्रीनगर के उपनगरीय इलाके में स्थित शहीदों की कब्र पर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रही थीं.
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महबूबा ने कहा कि हमें जीवन में इस डर से लड़ना होगा. जम्मू-कश्मीर के हालात से लड़ना होगा, जिसे कुछ लोगों ने बंधक बना रखा है. हमें एक समृद्ध राज्य की स्थापना के प्रयास करने होंगे, जिसके लिए इन शहीदों ने बलिदान दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को शहीदों का बलिदान याद रखना चाहिए, जिन्होंने लोकतंत्र और एक ऐसे समृद्ध राज्य की स्थापना के लिए अपनी जान दी है, जो कश्मीरियत के सिद्धांतों पर आधारित हो.
मुख्यमंत्री ने कहा, जिस प्रकार घाटी के लोगों ने एक सुर में अमरनाथ यात्रा पर हुए हमले का विरोध किया, उससे पूरी दुनिया में संदेश गया है कि कश्मीरियत जिंदा है. उन्होंने कहा कि हमले की निंदा करने के लिए जिस प्रकार विभिन्न विचारधाराओं के लोग एकजुट हुए, उससे यह संदेश गया कि कश्मीर की कश्मीरियत जिंदा है और लोग कश्मीरियत के खिलाफ कुछ भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
महबूबा के साथ ही उनके कैबिनेट के मंत्रियों और पार्टी वरिष्ठ नेताओं ने 1931 में डोगरा आर्मी की गोलीबारी में मारे गये 21 लोगों के कब्र पर पुष्पांजलि दी. हालांकि, राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी भाजपा का कोई सदस्य इस अवसर पर उपस्थित नहीं था.