चीन को भारत की दो टूक : कश्मीर मामले में हस्तक्षेप मंजूर नहीं, पाकिस्तान का आरोप बेबुनियाद

नयी दिल्ली : चीन के कश्मीर में सकारात्मक भूमिका निभाने संबंधी बयान को कोई तवज्जो नहीं देते हुए भारत ने कहा कि मामले के मूल में सीमापार से भारत में फैलाया जा रहा आतंकवाद है और एक खास स्रोत से फैलाये जा रहे आतंकवाद से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा उत्पन्न हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2017 6:24 PM

नयी दिल्ली : चीन के कश्मीर में सकारात्मक भूमिका निभाने संबंधी बयान को कोई तवज्जो नहीं देते हुए भारत ने कहा कि मामले के मूल में सीमापार से भारत में फैलाया जा रहा आतंकवाद है और एक खास स्रोत से फैलाये जा रहे आतंकवाद से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा उत्पन्न हो गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत की स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट है. द्विपक्षीय ढांचे में जम्मू कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर पाकिस्तान से बातचीत करने के भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.’ उन्होंने कहा कि इस मामले के मूल में सीमापार से भारत में फैलाया जा रहा आतंकवाद है और एक खास स्रोत से फैलाये जा रहे आतंकवाद से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा उत्पन्न हो गया है.

चीन ने बुधवार को कहा था कि वह कश्मीर पर भारत व पाकिस्तान के संबंधों को सुधारने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है, जहां के हालात ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. लेकिन, चीन ने सोमवार को कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकवादी हमले पर कुछ नहीं कहा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था, कश्मीर के हालात ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का काफी ध्यान खींचा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के उन आरोपों को सिरे से खारिज किया कि भारत कश्मीर में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत कहीं भी, किसी स्थिति में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ है. पाकिस्तान सरकार को निशाना बनाते हुए बागले ने कहा कि वहां की सरकार लश्कर-ए-तैयबा की पटकथा को पढ़ रही है जो हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी का महिमा मंडन करता है जिसे सुरक्षा बलों ने मार गिराया था.

डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस वक्त हम केवल यही कह सकते हैं कि राजनयिक चैनल खुले हुए हैं और उनका पहले की तरह से उपयोग जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हैम्बर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच एक संवाद हुआ था जिसमें कई विषयों पर चर्चा हुई. इस बारे में तब हमने विज्ञप्ति, फोटो जारी किया था.

यह पूछे जाने पर कि चीन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों के बीच हैम्बर्ग में संवाद हुआ. दोनों नेताओं के संवाद में कई विषय सामने आये. डोकलाम गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन के पीपुल्स डेली में प्रकाशित रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किसी दैनिक में प्रकाशित समाचार के बारे में टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं होगा. बागले ने कहा कहा कि यह (डोकलाम मामला) हमारे लिए गंभीर मामला है जिसके प्रभाव हैं. यह कई कारणों से हैं. हमने इस बारे में पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है.

Next Article

Exit mobile version