चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी करीब 3,500 वेबसाइट ब्लॉक, CBSE स्कूलों में जैमर लगाने का सुझाव

नयी दिल्ली : केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि समग्र बाल पोर्नोग्राफी के मुद्दे से निपटने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं और इससे संबद्ध करीब 3,500 वेबसाइटों को पिछले महीने ब्लॉक कर दिया गया है. सरकार ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ को बताया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2017 12:10 PM

नयी दिल्ली : केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि समग्र बाल पोर्नोग्राफी के मुद्दे से निपटने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं और इससे संबद्ध करीब 3,500 वेबसाइटों को पिछले महीने ब्लॉक कर दिया गया है. सरकार ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ को बताया कि उसने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्डे (सीबीएसइ) को बाल पोर्नोग्राफी सामग्री तक पहुंच रोकने के लिये स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार करने के लिये कहा है.

बच्चों के दिमाग में कैसे हिंसा और अश्लीलता के जहर घोल रहे हैं कार्टून कैरेक्टर

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ को बताया कि स्कूल बसों में जैमर लगाना संभव नहीं है. पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एम एम शांतनागुदार भी शामिल हैं.

उन्होंने पीठ को बताया, ‘ ‘हमलोग ऐसे कदमों के साथ आ रहे हैं जो ऐसी समग्र स्थिति से निपटेंगे.’ ‘ पिंकी ने कहा, ‘ ‘स्कूल बसों में जैमर संभव नहीं है. ऐसी वेबसाइटों तक पहुंच रोकने के लिये स्कूलों में जैमर लगाया जा सकता है या नहीं, इस संबंध में सरकार ने सीबीएसइ को विचार करने के लिये कहा है. ‘ ‘ सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह बाल पोर्नोग्राफी रोकने के लिये उठाये गये कदमों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी.

कोर्ट ने केंद्र को दो दिनों के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिये कहा है. शीर्ष अदालत देशभर में बाल पोर्नोग्राफी के खतरे को रोकने के लिये समुचित कदम उठाने के संबंध में केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली एक याचिक पर सुनवाई कर रही थी.

Next Article

Exit mobile version