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राहुल का भी गुब्बारा फटेगा, ना सिर्फ मोदी का : भाकपा

चेन्नई : गुजरात के विकास मॉडल को गैस से भरा ‘नया भारी भरकम गुब्बारा’ बताने वाले राहुल गांधी की टिप्पणी पर भाकपा ने आज कहा कि कांग्रेस और भाजपा की आर्थिक नीतियों में बमुश्किल कोई अंतर है और गुब्बारे की ऐसी कहानियों का कोई उपयोग नहीं है. भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2014 7:51 PM
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चेन्नई : गुजरात के विकास मॉडल को गैस से भरा ‘नया भारी भरकम गुब्बारा’ बताने वाले राहुल गांधी की टिप्पणी पर भाकपा ने आज कहा कि कांग्रेस और भाजपा की आर्थिक नीतियों में बमुश्किल कोई अंतर है और गुब्बारे की ऐसी कहानियों का कोई उपयोग नहीं है.

भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा, ‘‘क्या राहुल के गुब्बारे का उडना जारी रहेगा?’’ दरअसल, उनसे मोदी के गुजरात विकास मॉडल पर कांग्रेस उपाध्यक्ष की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में चुनाव सभाओं को संबोधित करते हुए राहुल ने इसे गैस से भरा नया भारी गुब्बारा बताया और कहा कि इसकी भी 2004 और 2009 में भाजपा के ‘इंडिया शाइनिंग’ जैसे अभियान की तरह हवा निकल जाएगी.

राजा ने कहा कि गुजरात का विकास मॉडल और कांग्रेस का संवृद्धि मॉडल उदारीकरण पर आधारित है तथा इसलिए गुब्बारे की इस तरह की कहानियां उपयोग लायक नहीं हैं और भाजपा एवं कांग्रेस की आर्थिक नीतियां भारत में नई जान नहीं फूंक सकती.

यह पूछे जाने पर कि क्या इसका यह मतलब है कि राहुल का गुब्बारा फट जाएगा, उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया और कहा कि केवल मोदी का गुब्बारा (गुजरात का विकास मॉडल) ही नहीं फटेगा.

राजा ने कहा कि देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और नव उदारवादी एवं जन विरोधी आर्थिक नीतियों को उलटने की जरुरत है. लोगों को भारत को बचाने के लिए और आम आदमी के कल्याण के लिए वाम दलों को वोट करना चाहिए.

एक वैकल्पिक मोर्चे की बात पर उन्होंने कहा कि इस तरह का गठजोड बना बनाया हुआ उपलब्ध नहीं है और इसे बनाना होगा..यह एक कोशिश और प्रक्रिया है जो जारी रहेगी.

वायुसेना के हरक्युलस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में राजा ने कहा कि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए. इससे पहले भाकपा का चुनाव घोषणापत्र जारी किया गया, जिसमें खनिज, तेल और गैस सहित सभी प्राकृतिक संसाधनाें पर राज्य के मालिकाना हक सहित वैकल्पिक सामाजिक आर्थिक नीतियों को रेखांकित किया गया.

खुदरा कारोबार का दृढता से विरोध, सार्वजनिक..निजी भागीदारी को समाप्त करना, बडी कंपनियों की लेखा परीक्षा, कैग को संवैधानिक संस्था बनाना, सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना जैसी बातें घोषणापत्र में शामिल हैं.

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