कोहिमा: गुवाहाटी हार्इकोर्ट के आदेश के बाद नगालैंड में राज्यपाल पीबी आचार्य के आदेश के शनिवार को मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सू मामले को सोमवार तक के लिए टाल दिया गया है. गुवाहाटी हार्इकोर्ट ने नगालैंड के राज्यपाल के उस निर्देश पर शुक्रवार को रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सू से 15 जुलाई से पहले विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था. अदालत की कोहिमा पीठ ने मुख्यमंत्री की याचिका पर राज्यपाल पीबी आचार्य के आदेश पर रोक लगायी और मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दिया गया है.
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मुख्यमंत्री की याचिका में दलील दी गयी थी कि राज्यपाल का निर्देश असंवैधानलिक, गैरकानूनी, मनमाना और संविधान की मौलिक विशेषताओं के खिलाफ है. उधर, मुख्यमंत्री लिजित्सू के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल से मुलाकात की. खबर है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से विधायकों के बीच सुलह के लिए कहा है. विधानसभा में 59 में से 47 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे जेलियांग ने राज्यपाल को आठ जुलाई को पत्र लिखकर नयी एनपीएफ नीत डीएएन सरकार बनाने के लिए न्यौता देने को कहा था.
लीजिइत्सु ने इसके बाद चार मंत्रियों और 11 संसदीय सचिवों को बर्खास्त किया था और जेलियांग के साथ सभी को पार्टी से निलंबित किया था. संसदीय सचिवों में पांच एनपीएफ के थे. एनपीएफ की एक विज्ञप्ति में बुधवार की देर रात जेलियांग, चार मंत्रियों और पांच संसदीय सचिवों का निलंबन आदेश वापस लेने की घोषणा की गयी, जो सभी पार्टी सदस्य थे.
उधर, राज्यपाल पी बी आचार्य ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री से एक बार फिर 15 जुलाई या इससे पहले विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करने को कहा. इस आदेश को राज्य मंत्रिमंडल पहले ही ठुकरा चुका है. मुख्यमंत्री को देर रात लिखे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि लीजिइत्सु ने जेलियांग के इस दावे से इंकार नहीं किया कि उन्हें 59 सदस्यीय विधानसभा में 44 विधायकों का समर्थन हासिल है.