पोर्नोग्राफी पर रोक लगाने के लिए CBSE के स्कूलों में लगा सकता है जैमर
नयी दिल्लीः देश में स्मार्टफोनों की बिक्री बढ़ने के साथ ही पोर्नोग्राफीके कारोबार में भी इजाफा हो गया है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि बाजार में महंगे से महंगा आैर सस्ता स्मार्टफोन आने के साथ ही स्कूली बच्चों में पोर्नोग्राफी देखने का चलन भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. केंद्र ने चाइल्ड […]
नयी दिल्लीः देश में स्मार्टफोनों की बिक्री बढ़ने के साथ ही पोर्नोग्राफीके कारोबार में भी इजाफा हो गया है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि बाजार में महंगे से महंगा आैर सस्ता स्मार्टफोन आने के साथ ही स्कूली बच्चों में पोर्नोग्राफी देखने का चलन भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. केंद्र ने चाइल्ड (बाल) पोर्नोग्राफी रोकने के लिए सीबीएसइ को स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार करने को कहा है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर हुई सुनवाई के दौरान केंद्र ने यह जानकारी कोर्ट को दी.
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केंद्र ने कहा कि समग्र बाल पोर्नोग्राफी के मुद्दे से निबटने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. इससे संबद्ध 3,500 वेबसाइटों को पिछले महीने ब्लॉक किया गया है. इस मुद्दे पर न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षतावाली तीन जजों की पीठ ने सुनवाई की. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ को बताया कि स्कूल बसों में जैमर लगाना संभव नहीं है.
उन्होंने अदालत से कहा कि पोर्न साइटों तक पहुंच रोकने के लिए स्कूलों में जैमर लगाया जा सकता है या नहीं, सरकार ने सीबीएसइ को विचार करने के लिए कहा है. सरकार ने बताया कि वह बाल पोर्नोग्राफी रोकने के लिए उठाये गये कदमों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी. अदालत ने दो दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट बाल पोर्नोग्राफी पर बैन की मांगवाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.