इमाम बुखारी ने नवाज शरीफ से कहा दो टूक, मौत आैर बर्बादी का खेल बंद करे पाकिस्तान

नयी दिल्लीः दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कश्मीर में आतंकवादी हमलों को बंद कराने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पत्र लिखा है. पाक पीएम को लिखे पत्र में इमाम बुखारी ने कहा है कि वे घाटी के अलगाववादी नेताआें से बात कर शांति बहाल करने के प्रयास में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2017 6:33 PM

नयी दिल्लीः दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कश्मीर में आतंकवादी हमलों को बंद कराने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पत्र लिखा है. पाक पीएम को लिखे पत्र में इमाम बुखारी ने कहा है कि वे घाटी के अलगाववादी नेताआें से बात कर शांति बहाल करने के प्रयास में अपनी अहम भूमिका अदा करें. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कश्मीर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. इतना ही नहीं, घाटी में बिगड़ती स्थिति के साथ ही दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों की खार्इ भी बढ़ रही है. अगर उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को दोबारा बहाल करने में आैर देरी की, तो फिर कश्मीर का मसल आैर भी कठिन हो जायेगा. मौत और बर्बादी का खेल स्थिति को और मुश्किल बनाता जा रहा है.

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पाक पीएम शरीफ को लिखे पत्र में बुखारी ने कहा है कि शांति स्थापित करने के लिए हमें हरसंभव प्रयास करने होंगे. कश्मीर के लोग डर के माहौल में जी रहे हैं और खुद को दीन-हीन आैर असहाय महसूस कर रहे हैं. शांति की उम्मीद भरा उनका सपना टूट गया है. जामा मस्जिद के इमाम का कहना है कि कश्मीर धरती का स्वर्ग है आैर वह खुशनुमा जिंदगी के लिए जाना जाता था. आज वह हजारों लोगों के आंसुओं की घाटी बन गया है. एके-47 की छाया में जिंदगी खूनी हो गयी है. मौत और बर्बादी का खेल स्थिति को और मुश्किल बनाता जा रहा है.

नवाज शरीफ से अपील करते हुए बुखारी ने लिखा है कि लाखों भारतीय मुस्लिम इस मामले में हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सीमा पर तनाव करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं और अलगाववादियों के साथ बातचीत शुरू करके स्थिति को सामान्य बनाया जा सकता है. इसके साथ बुखारी ने शरीफ को चेताया भी है कि कश्मीर समस्या का समाधान बंदूक और पत्थरबाजी से नहीं हो सकता. समस्या के हल के लिए बातचीत की पहल करनी ही होगी. बड़े मुद्दों पर बातचीत दोनों देशों के हित में है और इसके लिए रणनीति बनानी होगी.

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