एम वैंकेया नायडू : पार्टी का दक्षिण भारतीय चेहरा
नयी दिल्ली : जब देश में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के नाम पर रहस्य बरकरार थे. उस दौरान एक पत्रकार ने वैंकेया नायडू से पूछा था, क्या आप राष्ट्रपति के दौड़ में शामिल हैं ? उन्होंने जवाब दिया – न तो मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं और न ही उपराष्ट्रपति…. मैं उषापति बनकर ही खुश […]
नयी दिल्ली : जब देश में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के नाम पर रहस्य बरकरार थे. उस दौरान एक पत्रकार ने वैंकेया नायडू से पूछा था, क्या आप राष्ट्रपति के दौड़ में शामिल हैं ? उन्होंने जवाब दिया – न तो मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं और न ही उपराष्ट्रपति…. मैं उषापति बनकर ही खुश हूं. बहरहाल, नायडू एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार होंगे. इस बात की औपचारिक घोषणा हो गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नायडू के राजनीतिक सफर पर एक नजर डाले तो, जब नायडू भाजपा अध्यक्ष थे, तो नरेंद्र मोदी पार्टी में कोई बहुत बड़ी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे थे.
लेकिन मात्र दस सालों में राजनीति इतनी बदली कि बीजेपी में नरेंद्र मोदी सर्वशक्तिमान नेता बन गये. पार्टी में पांच दशकों तक सक्रिय भूमिका निभाने वाले आडवाणी हाशिये में हैं और रामनाथ कोविन्द जो भाजपा में कभी दूसरी पंक्ति के नेता भी नहीं थे, अब राष्ट्रपति बनने के करीब हैं.2014 में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल कर केंद्र में मोदी के नेतृत्व में सरकार बनायी. तब से लेकर आज तक मोदी और नायडू के बीच संबंध सामान्य रहे हैं.
अकसर एम वैंकेया नायडू नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नजर आते हैं, उन्होंने एक बार सार्वजनिक मंच से मोदी को भगवान का ‘तोहफा’ भी बताया है.एम वैंकेया नायडू लंबे अर्से तक बीजेपी का दक्षिण भारतीय चेहरा रहे हैं. नायडू पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, दूसरी पार्टियों के साथ भी उनके संबंध बेहद सहज है. प्रधानमंत्री ने उनके इस गुण के चलते उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का पद भी दिया था. अब वह भाजपा की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी होंगे.