गौवध को लेकर पीट-पीट कर हत्या, दलित और किसानों के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा

नयीदिल्ली: गौवध को लेकर कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डालने की हालिया घटनाओं, किसानों और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण आज राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. विपक्ष ने सरकार पर दलितों, किसानों, अल्पसंख्यकों और कमजोर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2017 3:31 PM

नयीदिल्ली: गौवध को लेकर कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डालने की हालिया घटनाओं, किसानों और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण आज राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

विपक्ष ने सरकार पर दलितों, किसानों, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग के लोगों सेजुड़े मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया जिसे खारिज करते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.

भाजपा ने कहा, मायावती राजनीति कर रही हैं…

इसी बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि वह समाज के जिस वर्ग से संबंध रखती हैं, अगर उन्हें उसी वर्ग की समस्याएं सदन में नहीं उठाने दी जातीं तो उन्हें उच्च सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है और ‘ ‘मैं राज्यसभा से इस्तीफा दे दूंगी. ‘ ‘ इतना कह कर मायावती सदन से चलीगयीं. बसपा सदस्य पहले तो उनके साथ चले गए लेकिन फिर सदन में आ कर आसन के सामने पहुंच गए और मांग करने लगे कि उनकी नेता को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाना चाहिए. कुरियन तथा विपक्षी सदस्यों के कहने पर बसपा सदस्य अपने स्थानों पर लौट गए. संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मायावती दलितों का मुद्दा नहीं उठा रही थीं बल्कि उन्होंने राजनीतिक बात की है. नकवी के अनुसार, यह वह हताशा है जो उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारण पैदा हुई है. उन्होंने और भाजपा के अन्य सदस्यों ने मांग की कि मायावती को सदन से माफी मांगनी चाहिए. बसपा सदस्यों ने इस पर विरोध जताया.

सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार कहती है कि उसे जनादेश मिला है. उन्होंने कहा ‘ ‘यह जनादेश सरकार को देश चलाने के लिए, दलितों, अल्पसंख्यकों, किसानों और कमजोर वर्गों के लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए मिला है, न कि इन लोगों की समस्याओं की अनदेखी करने के लिए मिला है. ‘ ‘ आजाद ने सरकार पर विपक्ष की बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री की उपस्थिति में संपन्न सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने साफ-साफ कहा था कि उसकी दिलचस्पी संसद की कार्यवाही को बाधित करने में कतई नहीं है. ‘ ‘विपक्ष देश के विभिन्न वर्गों के लोगों की समस्याओं सेजुड़े मुद्दे उठाना चाहता है. सरकार अगर हमारी बात सुनेगी, हमारे प्रति सहयोगी रवैया रखेगी तो हम भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा में और कानून बनाने तक में सहयोग देंगे. ‘ ‘ उन्होंने आरोप लगाया ‘ ‘ लेकिन आज आप अपनी ही सरकार के खिलाफ जा रहे हैं. ‘ ‘

स्थगन के बाद भी जारी रहा हंगामा

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठकशुरू होने पर भी उच्च सदन में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा जारी रहा. सभापति हामिद अंसारी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. कई सदस्य सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रहे थे.

उधर सपा, माकपा आदि के कई सदस्य अपने स्थानों परखड़े थे. सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ सदस्य सदन में प्रश्नकाल चलने देने पर जोर दे रहे थे.

सदन में हंगामा थमते नहीं देख सभापति ने दोपहर 12 बजकर पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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