नयी दिल्ली : राज्यसभा में बुधवार को गोरक्षकों की गुंडागर्दी के मुद्दे पर बहस के दौरान सपा सांसद नरेश अग्रवाल के बयान पर बवाल हो गया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बहस की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने हरियाणा में मारे गये जुनैद का मुद्दा उठाया. वहीं, दलित बुजुर्ग को मंदिर में नहीं जाने के मुद्दे को भी आजाद ने उठाया. इस दौरान आजाद ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर सरकार को ही निशाना नहीं बना रहा हूं, कई मुद्दों में यह सामने नहीं आया है कि किस पार्टी का हाथ है.
इसी क्रम में जब सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने गोरक्षा पर बोलते हुए कहा, हम तो वैश्य समाज के हैं, सारी गोशाला हम चला रहे हैं. इस बात पर कई सदस्यों ने विरोध दर्ज कराना शुरू किया, तो नरेश अग्रवाल ने कहा कि पहले बहुत से मवेशी बाजार लगते थे, जहां से कई गरीब लोग मवेशी खरीदते थे. आज इन मेलों के खत्म कर दिया गया है. ऐसे में गरीब आदमी अपने काम न आनेवाले दुधारू जानवरों को यूं ही छोड़ देते हैं.
इसी क्रम में उन्होंने एक एेसा विवादित बयान दे डाला, जिसके बाद सदन में भारी हंगामा हो गया. उनके हिंदू देवी-देवताओं को लेकर दिये गये बयान पर हंगामा मचा. दरअसल नरेश अग्रवाल ने कहा कि ‘विस्की में विष्णु बसें, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान. सियावर रामचंद्र की जय’. उनके इस बयान पर राज्य सभा में भारी हंगामा हुआ. हालांकि, बाद में हंगामे के बाद नरेश अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राम सीता के बारे में मेरा अपना बयान नहीं है, मैंने दीवार पर लिखे नारे को केवल पढ़ा है. बाद में नरेश अग्रवाल के इस बयान को राज्यसभा की कार्रवाई से हटा दिया गया.
नरेश अग्रवाल के बयान पर सत्ता पक्ष की ओर से अरुण जेटली ने आपत्ति जताते हुए उनसे अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने यह बात सदन के बाहर किसी दूसरे मंच पर कही होती तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होता. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि नरेश अग्रवाल का यह बयान हिंदू धर्म का अपमान है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए. अपने को चारों ओर से घिरता देख नरेश अग्रवाल ने कहा वैसे मैंने तो दीवार पर लिखी एक बात कही थी, मैंने किसी भी भावना को ठेस पहुंचाने के लिए कोई बात नहीं की. अगर इससे किसी की राजनीतिक भावनाओं को ठेस पहुंचा हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. राजनीतिक शब्द को लेकर विरोध होने पर उन्होंने फिर कहा कि अगर मेरी बातों से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.
इसके बाद नरेश अग्रवाल के यह का बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया. ट्विटर पर लोगों ने हिंदू देवी देवताओं के अपमान करने पर नरेश अग्रवाल की जमकर आलोचना की, तो कई लोगों चुटकी ली. ट्विटर पर रविकांत नाम के यूजर ने लिखा कि जब फेसबुक पोस्ट पर एक नाबालिग को गिरफ्तार किया जा सकता है तो सांसद नरेश अग्रवाल को क्यों नहीं?