नयी दिल्ली : राज्यसभा में गुरुवार को शून्यकाल के दौरान जदयू के सांसद हरिवंश ने धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही रोके जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड को दूसरे राज्यों से जोड़नेवाले इस महत्वपूर्ण रेलमार्ग पर अचानक ही रेल यातायात रोक दिया गया. यातायात रोकने का कोई कारण अब तक नहीं बताया गया. इस रेल मार्ग पर रेल यातायात रोके जाने के विरोध में वहां के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हरिवंश ने कहा कि 100 साल से अधिक समय से धनबाद के झरिया में जमीन के अंदर आग लगी हुई है.
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कहा जाता है झरिया के अंदर जो कोयला है, वह अत्यंत उच्च गुणवत्ता वाला है. हरिवंश ने कहा कि झरिया में लगी आग के कारण 3 करोड़ 17 लाख टन कोयला जल कर बरबाद हो चुका है, लेकिन अभी भी 186 करोड़ टन कोयला बचा हुआ है. सरकार की नजर इस कोयले पर है. इसी कोयले के लिए लोगों की जिंदगी दावं पर लगायी जा रही है. सरकार को यह बताना चाहिए कि आग क्यों नहीं बुझायी गयी और ट्रेनों का परिचालन क्यों बंद किया गया. उन्होंने कहा कि आग बुझाने के लिए और वहां के लोगों के पुनर्वास पर 2500 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही जाती है. सरकार को बताना चाहिए कि उसने यह राशि कहां खर्च की. यह सब करने के बावजूद आग आज तक क्यों नहीं बुझायी जा सकी.
जदयू सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार कोयले के लिए लोगों की जिंदगी का सौदा कर रही है. यही वजह है कि धनबाद-चंद्रपुरा मार्ग पर रेल यातायात अचानक बंद कर दिया गया. इस संबंध में झामुमो सांसद संजीव कुमार ने कहा कि धनबाद-चंद्रपुरा रेलमार्ग कई राज्यों को जोड़ता है, लेकिन इसे साजिश के तहत बंद कर दिया गया. ताकि चुपचाप कोयला निकाला जा सके. इस रेल लाइन के बंद होने से कई लोग बेरोजगार हो गये हैं. पूर्वांचल से लेकर झारखंड तक अफरातफरी मची हुई है. धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पूर्वांचल की जीवनरेखा है. इसे तत्काल चालू किया जाना चाहिए.