गांधीनगर : शंकर सिंह वाघेला ने आज अपने 77वें जन्मदिन पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस ने उन्हें 24 घंटे पहले ही पार्टी से निकाल दिया है. वाघेला ने साथ ही कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनका पुराना नाता है. मालूम हो कि वाघेला के फिर से भाजपा में जाने या जुड़ने की चर्चा हो रही है,जिससे उन्होंने आज इनकार किया. इसी साल नवंबर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होना है. शंकर सिंह वाघेला ने 17 साल पहले भाजपा छोड़ कर अपनी पार्टी बनायी थी और फिर उसका कांग्रेस में विलय हो गया था. उन्होंने कहा कि बापू रिटायर नहीं होगा, यह मेेरी जिंदगी का निर्णायक मौका है. वाघेला गुजरात में बापू के नाम से मशहूर हैं. उन्होंने कहा कि जनता हमारी संजीवनी है. वाघेला ने आज नेता विपक्ष का पद भी त्याग दिया.
हालांकि वाघेला ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने भविष्य के कदम के बारे में बताने से परहेज किया.शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि गुजरात में राज्यसभा चुनाव जो आठ अगस्त को होगाउसके बाद वे विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे.उन्होंने कहा कि वे भाजपा में नहीं जा रहे हैं.
वहीं, इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने कहा है कि उसकी नजर इस पर है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि पार्टी से उन्हें नहीं निकाला गया है. मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल से शंकर सिंह वाघेला की मुलाकात तय थी, लेकिन वाघेला उनसे मिलने नहीं पहुंचे. ऐसा कहा जा रहा है कि वाघेला और उनके समर्थक चाहते थे कि कांग्रेस उन्हें सीएम का चेहरा घोषित कर चुनाव लड़े और इस पर सहमति नहीं बन पायी.
Congress party ne mujhe 24 ghante pehle nikal diya yeh soch ke ki pata nahi main kya kehta; Vinaash kal vipreet buddhi: Shankersinh Vaghela pic.twitter.com/FNN5sM1RIt
— ANI (@ANI) July 21, 2017
शंकर सिंह वाघेला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने संबंध रहे हैं और दोनों भाजपा में निकट राजनीतिक सहयोगी रहे हैं. मालूम हो कि कांग्रेस ने आज अपने कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी थी कि वे वाघेला के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हों. वाघेला के बेटे ने कांग्रेस के इस फरमान की तीखी आलोचना की थी.
शंकर सिंह वाघेला ने आज कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विनाश काले विपरीत बुद्धि. उन्होंने कहा कि वे 77 की उम्र में नोट आउट हैं. वाघेला पर राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करवाने के भी आरोप पार्टी संगठन की ओर से लगाये गये थे.
जानकारों का मानना है कि अगर वाघेला भाजपा में शामिल होते हैं तो नरेंद्र मोदी-अमित शाह उन पर बड़ा राजनीतिक दावं खेल सकते हैं. हार्दिक पटेल के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ हुए पटेल आंदोलन के कारण भाजपा के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है. ऐसे में मजबूत जमीनी पकड़ वाले वाघेला भाजपा के लिए राजनीतिक क्षतिपूर्ति करने वाले शख्स साबित हो सकते हैं. वाघेला अपने बेटे को भी इसके जरिये स्थापित करना चाहते हैं.