नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कल अपने इराकी समकक्ष इब्राहिम अल-जाफरी से गहन बातचीत करेंगी जिस दौरान तीन साल पहले मोसुल शहर से आईएसआईएस द्वारा अगवा 39 भारतीयों के मुद्दे पर भी बातचीत हो सकती है. अल-जाफरी 24 से 28 जुलाई तक भारत की यात्रा पर रहेंगे. दो सप्ताह पहले ही इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने अपने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल की आईएसआईएस से आजादी की घोषणा की थी.
इसे इराकी सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है. दोनों पक्ष अपनी बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेंगे और ऊर्जा तथा व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों को तलाशेंगे. इराक भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला बड़ा निर्यातक देश है.
अल-जाफरी की यात्रा पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हितों के क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था, ‘इस यात्रा में हमारी परस्पर लाभकारी द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक रफ्तार दिये जाने की संभावना है.’ इराकी प्रधानमंत्री द्वारा मोसुल को आजाद करने की लड़ाई में जीत की घोषणा के बाद विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह को इराक भेजा गया था.
सुषमा ने आईएसआईएस द्वारा अगवा लोगों के परिजनों को बताया था कि एक इराकी अधिकारी ने खुफिया सूत्रों के हवाले से सिंह को बताया था कि अगवा भारतीय को एक अस्पताल निर्माण स्थल पर रखा गया था और फिर एक खेत में भेजा गया जहां से उन्हें बाडुश की एक जेल में रखा गया. उन्होंने कहा था कि अल-जाफरी अगवा भारतीयों के बारे में ताजा जानकारी दे सकते हैं. इन लोगों में अधिकतर पंजाब से हैं.