कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने राजस्थान में 2006 में जर्मनी की एक पर्यटक से बलात्कार के आरोपी बिट्टी मोहंती की डीएनए जांच कराने के निचली अदालत के आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दिया है.
ओडिशा के पूर्व डीजीपी बी बी मोहंती के पुत्र बिट्टी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति के हरिलाल ने यह अंतरिम आदेश दिया. बिट्टी ने सत्र अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें पहचान स्थापित करने के वैज्ञानिक सबूत के लिए उनकी डीएनए जांच कराने की अनुमति दी थी.
नवंबर 2006 में बलात्कार के आरोप में सात साल की सजा काट रहा मोहंती पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था. बिट्टी को 9 मर्च को कन्नौर से गिरफ्तार किया गया था जहां वह त्रावणकोर स्टेट बैंक की एक शाखा में प्रोवशनरी आफिसर के तौर पर आंध्रप्रदेश के राघव राजन के नाम से काम कर रहा था. उसने दावा किया कि वह बिट्टी नहीं है, हालांकि उसे साक्ष्य जुटाने के लिए राजस्थान ले जाया गया लेकिन कुछ पता नहीं लगा.