पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट बनाने वाले वैज्ञानिक यू आर राव का निधन, पढ़ें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

नयी दिल्ली : महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर यूआर राव का बीती रात निधन हो गया है. वे 85 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर सुनकर देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी. बताया जा रहा है कि राव पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. आपको बता दें कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2017 11:17 AM

नयी दिल्ली : महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर यूआर राव का बीती रात निधन हो गया है. वे 85 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर सुनकर देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी. बताया जा रहा है कि राव पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. आपको बता दें कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष यूआर राव को इसी साल पदम विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था. आइए जानतें हैं इस महान वैज्ञानिक से जुड़ी कुछ खास बातें…

1. यूआर राव का जन्म कर्नाटक के अडामारू में 10 मार्च 1932 को हुआ. उनका परिवार काफी साधारण था.

2. राव ने इसरो अध्यक्ष और अंतरिक्ष सचिव का पद पर रहकर अपनी सेवा दी.

3. प्रोफेसर राव को अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन ने प्रतिष्ठित द 2016 आईएएफ हॉल ऑफ फेम में शामिल किया था. वहीं वर्ष 2013 में सोसायटी ऑफ सेटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल ने राव को सेटेलाइट हॉल ऑफ फेम, वाशिंगटन में सम्मलिति किया था.

4. भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला (अहमदाबाद) की संचालन परिषद के अध्यक्ष राव अंतरराष्ट्रीय तौर पर विख्यात वैज्ञानिक रहे जिन्होंने 1960 में अपने करियर की शुरुआत से ही भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में और संचार के क्षेत्र में एवं प्राकतिक संसाधनों का दूर से पता लगाने में इस तकनीक के अनुप्रयोगों में अहम योगदान दिया है.

5. भारत की अंतरिक्ष और उपग्रह क्षमताओं के निर्माण तथा देश के विकास में उनके अनुप्रयोगों का श्रेय राव को दिया जाता है. उन्होंने 1972 में भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी की स्थापना की जिम्मेदारी संभाली थी.

इसरो के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव का निधन, पीएम मोदी ने किया शोक व्यक्त

6. यूआर राव की देखरेख में 1975 में पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट से लेकर 20 से अधिक उपग्रहों को डिजाइन किया गया, तैयार किया गया और अंतरिक्ष में प्रक्षेपित भी किया गया.

7. राव ने भारत में प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी का भी विकास तेज किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि 1992 में एएसएलवी का सफल प्रक्षेपण किया जा सका.

8. वैज्ञानिक यूआर राव ने प्रसारण, शिक्षा, मौसम विज्ञान, सुदूर संवेदी तंत्र और आपदा चेतावनी के क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का भी कार्य किया.

9. अंतरिक्ष विज्ञान में अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने यूआर राव को 1976 में पद्म भूषण से सम्मानित किया. यही नहीं भारत सरकार ने यूआर राव को 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित करने का काम किया.

Next Article

Exit mobile version