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JNU के शिक्षकों ने वीसी के टैंक लगाने का किया विरोध, कहा-यूनिवर्सिटी को नहीं बनाया जा सकता युद्ध का मैदान

नयी दिल्लीः जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति (वीसी) जगदीश कुमार की आेर से विश्वविद्यालय परिसर में टैंक लगाने की मांग का छात्रों और शिक्षकों ने समान रूप से विरोध किया है. उनका कहना है कि एक संस्थान को युद्ध का मैदान नहीं बनाया जा सकता. जेएनयूटीए अध्यक्ष आइशा किदवई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में […]

नयी दिल्लीः जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति (वीसी) जगदीश कुमार की आेर से विश्वविद्यालय परिसर में टैंक लगाने की मांग का छात्रों और शिक्षकों ने समान रूप से विरोध किया है. उनका कहना है कि एक संस्थान को युद्ध का मैदान नहीं बनाया जा सकता. जेएनयूटीए अध्यक्ष आइशा किदवई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) कुलपति द्वारा जेएनयू परिसर में टैंक लगाने की मांग से भौंचक है. यह आश्चर्यजनक की बात है कि प्रोफेसर जगदीश कुमार युद्ध के समान को कैंपस में लगाकर देशभक्ति की भावना प्रेरित कर सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि जेएनयू समुदाय को अपने देश के प्रति प्रेम और सहानुभूति के लिए इस तरह की चीजों की जरूरत नहीं है. छात्रों और शिक्षकों द्वारा इस मांग को लेकर आलोचना झेल रहे कुलपति ने बताया कि हमारे पूर्व छात्रों की आेर से दिये गये बलिदान को पहचान दिलाने के लिए टैंक की मांग की गयी थी. जेएनयू सेना के तीनों अंगों थल सेना, नौसेना और वायु सेना के कैडेटों को डिग्री जारी करता है.

जेएनयू परिसर में कल आयोजित करगिल विजय दिवस उत्सव के दौरान कुलपति ने सेना के जवानों द्वारा दिये गये बलिदान को याद रखने के लिए केंद्रीय मंत्री से विश्वविद्यालय के भीतर एक टैंक लगाने में मदद करने की मांग की थी. जेएनयू छात्र संघ की जनरल सेक्रेटरी सतरुपा चक्रबर्ती ने कहा कि एक शैक्षणिक संस्थान की प्राथमिक जरुरत अच्छी शैक्षणिक व्यवस्था, वाद-विवाद और चर्चा के लिए बौद्धिक माहौल और बुनियादी सुविधाएं होती हैं. युद्ध का सामान लगाकर राष्ट्रवाद नहीं पैदा किया जा सकता है. कुलपति और उनके टैंक लगाने वाले विचार की जरूरत जेएनयू को नहीं है.

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