जानें, भारत के 14वें राष्ट्रपति बनने वाले रामनाथ कोविंद के बारे में अहम दस बातें
रामनाथ कोविंद ने देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले लिया है. प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे राष्ट्रपति बने हैं. राष्ट्रपति के चुनाव में कोविंद ने यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार को शिकस्त दी. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे. […]
रामनाथ कोविंद ने देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले लिया है. प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे राष्ट्रपति बने हैं. राष्ट्रपति के चुनाव में कोविंद ने यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार को शिकस्त दी. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे. कोविंद मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका जन्म कानुपर के तहसील डेरापुर के एक गांव में हुआ है. पेशे से वकील कोविंद ने दिल्ली हाईकोर्ट से वकालत शुरू की. वे एक मेधावी छात्र थे और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी पास की थी. जानें, भारत के 14वें राष्ट्रपति बनने वाले रामनाथ कोविंद के बारे में कुछ अहम बातें:-
# रामनाथ कोविंद ने वर्ष 1991 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. वे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे हैं.
# कोविंद वर्ष 1994 और 2000 में उत्तरप्रदेश से राज्यसभा के सदस्य चुने गये, इस तरह वे कुल 12 साल तक राज्यसभा के सदस्य रहे हैं.
# कोविंद ‘भाजपा दलित मोर्चा’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ‘अखिल भारतीय कोली समाज’ के अध्यक्ष भी रहे. वे वर्ष में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रहे हैं
# कोविंद 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे.
# आठ अगस्त 2015 को रामनाथ कोविंद को बिहार का राज्यपाल बनाया गया. कोविंद संविधान के अच्छे जानकार हैं.
# रामनाथ कोविंद कोरी जाति से संबंधित हैं, जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति की श्रेणी में आता है.
# कोविंद की शादी 1974 में सविता कोविंद से हुई थी. इनका एक बेटा और एक बेटी स्वाति है, जो एयर इंडिया में एयर होस्टेस हैं.
# वे डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के बोर्ड मैनेजमेंट में भी रहे, साथ ही वे आईआईएम कलकत्ता के बोर्ड अॅाफ गर्वनर भी रहे.
# कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने वर्ष 2002 में आम सभा को संबोधित भी किया था.
# कोविंद तब विवादों में आ गये थे जब वर्ष 2010 में उन्होंने यह कह दिया था कि इस्लाम और ईसाई धर्म भारत के लिए विदेशी है.