…तो इसलिए फूलन देवी ने बनाया था अपना अलग गिरोह

नयी दिल्ली : आज चंबल की रानी फूलन देवी की बरसी है. फूलन देवी भारत में दस्यु सुंदरी के नाम से जानी जाती हैं. उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव गोरहा का पूर्वा में जन्मी फूलन देवी काफी गरीब परिवार से थीं. सामाजिक भेदभाव और प्रताड़ना के कारण उसका झुकाव डाकूओं की ओर हो गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2017 1:16 PM

नयी दिल्ली : आज चंबल की रानी फूलन देवी की बरसी है. फूलन देवी भारत में दस्यु सुंदरी के नाम से जानी जाती हैं. उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव गोरहा का पूर्वा में जन्मी फूलन देवी काफी गरीब परिवार से थीं. सामाजिक भेदभाव और प्रताड़ना के कारण उसका झुकाव डाकूओं की ओर हो गया था. कहते हैं कि उसके साथ गांव के कुछ दबंग लोगों ने बलात्कार किया था, जिसका बदला लेने के लिए फूलन ने एक गिरोह बनाया.

फूलन चर्चा में तब आयीं थीं जब 22 ठाकुरों की हत्या का आरोप उनके गिरोह पर लगा था. हालांकि फूलन ने हमेशा उस नरसंहार से इनकार किया. 1983 में इंदिरा गांधी के काल में फूलन देवी ने आत्मसर्मपण कर दिया था. उस वक्त उसके साथ उसके दस हजार से ज्यादा समर्थक थे. सरकार ने उसे यह आश्वासन दिया था कि उसे मृत्युदंड नहीं दिया जायेगा. 1994 में उत्तर प्रदेश की मुलायम सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया था.

कब हुई थी हत्या

1996 में फूलन देवी ने राजनीति में प्रवेश किया और वह सपा की टिकट पर भदोही से सांसद चुनीं गयीं. दलित समुदाय उनका समर्थक था. लेकिन 25 जुलाई 2001 में फूलन देवी की हत्या उसके आवास के बाहर कर दी गयी थी. तिहाड़ जेल में बंद शेर सिंह राणा ने जमानत पर छूटकर उनकी हत्या की थी. हालांकि फूलन की हत्या को राजनीतिक साजिश भी करार दिया गया. उसके पति उम्मेद सिंह पर भी आरोप लगे, लेकिन सिद्ध नहीं हो पाये.

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