राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बवाल, कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा गांधी से दीनदयाल की तुलना कैसे?

नयी दिल्ली : मंगलवार को शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिये गये भाषण में महात्मा गांधी के साथ दीनदयाल उपाध्यक्ष के नाम के उल्लेख को कांग्रेस ने मुद्दा बना दिया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अानंद शर्मा ने राष्ट्रपति कोविंद के भाषण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि महात्मा गांधी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2017 2:49 PM

नयी दिल्ली : मंगलवार को शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिये गये भाषण में महात्मा गांधी के साथ दीनदयाल उपाध्यक्ष के नाम के उल्लेख को कांग्रेस ने मुद्दा बना दिया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अानंद शर्मा ने राष्ट्रपति कोविंद के भाषण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि महात्मा गांधी के साथ दीनदयाल उपाध्याय की तुलना कैसे की जा सकती है. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण में देश के प्रमुख नेताओं के उल्लेख के दौरान राष्ट्रपति द्वारा जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी का उल्लेख नहीं करने का भी मुद्दा उठाया. इस पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कड़ी आपत्ति जतायी और कहा कि कैसे कोई सदस्य सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सवाल उठा सकता है. जेटली ने मांग की कि आनंद शर्मा के वक्तव्य के उक्त अंश को राज्यसभा की कार्यवाही से बाहर किया जाये.

हालांकि कांग्रेस ने ऐसे संकेत दिये हैं कि वह इसे मुद्दा बनाएगी. आज सदनसेबाहर कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मीडिया से कहा कि गांधीजी की तुलना किसी और व्यक्ति से की जाये, जो नहीं होनी चाहिए, तो ऐसा लगता है कि इतिहास को बदलने जा रहे हैं.

प्रणब दा के ‘पदचिह्नों’ पर चलने जा रहा हूं, देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता : रामनाथ कोविंद

कल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने भाषण में महान नेताओं में महात्मा गांधी,सरदारवल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, दीनदयाल उपाध्यायकानाम लिया था. वहीं,राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, एपीजीअब्दुल कलामवप्रणब मुखर्जी का उल्लेख किया और इनके पदचिह्नों पर चलने की बातकही थी.उन्होंनेजवाहरलालनेहरू, इंदिरा गांधीकाउल्लेख नहीं किया था.

कांग्रेस लंबे समय ये भाजपा पर यह आरोप लगाती रही है कि वह नेहरू-गांधी परिवार के राष्ट्र में योगदान को इतिहास से मिटाने पर तुली है. नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर चलने वाली दर्जनों योजनाओं का नाम बदल दिया गया है. वहीं, संघ विचारधारा के कुछ महत्वपूर्ण लोगों के नाम पर योजनाएं शुरू की गयी हैं.

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