पंजाब के पठानकोट की ””एनी”” बनीं सबसे यंगेस्ट बोइंग वीमेन पायलट
एनी दिव्या ने मात्र 30 साल की उम्र में दुनिया की सबसे कम उम्र की वुमेन कमांडर बनी, जो बोइंगी 777 उड़ा सकती हैं. वह कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग के लिए स्पेन गयीं और बोइंग उड़ाने के लिए वापस भारत आयीं. उन्होंने 19 वर्ष की आयु में कुछ समय के लिए एयर इंडिया के लिए भी […]
एनी दिव्या ने मात्र 30 साल की उम्र में दुनिया की सबसे कम उम्र की वुमेन कमांडर बनी, जो बोइंगी 777 उड़ा सकती हैं. वह कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग के लिए स्पेन गयीं और बोइंग उड़ाने के लिए वापस भारत आयीं. उन्होंने 19 वर्ष की आयु में कुछ समय के लिए एयर इंडिया के लिए भी काम किया है. पंजाब के पठानकोट में जन्मीं कैप्टन एनी दिव्या का बचपन आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में गुजरा है.
उनकी मां बताती हैं कि जब उनका जन्म होने वाला था, उनका परिवार पठानकोट के एयरबेस के पास रहता था. उनकी आंखों में यह सपना बस गया कि उनकी बेटी पायलट बन जाये. एनी बचपन से ही पायलट बनना चाहती थीं. 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद उनका चयन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में हो गया. एनी के पिता एक आर्मी ऑफिसर थे जो कि अब रिटायर हो चुके हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में दिव्या ने अपनी उपलब्धि के बारे में बातचीत करते हुए कहा थी कि मैं आज जो भी हूं उसके लिए अपने पेरेंट्स और टीचर्स की बहुत-बहुत शुक्रगुजार हूं. मेरे सफर में भी कई परेशानियां और मुसीबतें थीं जैसे कि आर्थिक तंगी, भाषा की समस्या लेकिन इन सब मुश्किलों से मैं इसलिए निकल पायी, क्योंकि मुझे फैमिली और फ्रेंड्स का सहयोग मिला.
विजयवाड़ा के केंद्रीय विद्यालय से पढ़ीं एनी दिव्या कहती हैं कि जब मैंने पायलट बनने कासोचा तो यह समस्या थी कि पायलट कोर्स करने की फीस बहुत ज्यादा थी. मैं अपनी फैमिली की शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मिडिल क्लास का होते हुए भी मेरे कोर्स में इतना पैसा लगाकर रिस्क लिया. उन्होंने मेरी पढ़ाई के लिए लोन भी लिया. मेरे पैरेंट्स ने मेरे लक्ष्य पर भरोसा किया और मुझे उड़ने दिया.