नयी दिल्ली : गुजरात के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सदस्यों ने भोजनावकाश से पहले लगातार हंगामा किया और आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस ने उच्च सदन के आगामी चुनाव को प्रभावित करने की खातिर पार्टी के एक विधायक का अपहरण कर लिया है. कांग्रेस सदस्यों के हंगामे की वजह से सदन की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा पर राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के विधायकों को ‘ ‘चुराने ‘ ‘का आरोप लगाया और आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाए जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुई. उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद तथा उनके पार्टी सहयोगी आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाया. आजाद ने आरोप लगाया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए लेकिन गुजरात में आसन्न राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने उनके एक विधायक का अपहरण किया. यह कथित अपहरण उस पुलिस अधीक्षक ने किया जो पहले फर्जी मुठभेड के आरोप में जेल जा चुका है. पार्टी के अन्य सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया और सरकार के खलाफ नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए. हंगामा कर रहे सदस्यों को उप सभापति पी जे कुरियन ने अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा. लेकिन अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 20 मिनट पर बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया. दस मिनट बाद बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा था. कांग्रेस सदस्यों ने आसन के समक्ष आ कर फिर नारेबाजी शुरू कर दी जिसकी वजह से उप सभापति ने बैठक को कुछ मिनट के अंदर ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे बैठक शुरू होने पर भी कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा. कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. उधर भाजपा के कुछ सदस्य भी अपने स्थानों पर खडे थे. हंगामे के दौरान ही आनंद शर्मा कुछ बोलते दिखे. लेकिन शोरगुल के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी. सभापति हामिद अंसारी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। लेकिन इसका असर नहीं होते देख उन्होंने कुछ क्षणों बाद ही बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद बैठक फिर शुरु होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा और सभापति ने कुछ मिनटों बाद बैठक को दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. हंगामे की वजह से सदन में आज शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं नहीं हो पाये.
इससे पूर्व शून्यकाल में आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के उन तीन विधायकों के इस्तीफे का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले इन तीन विधायकों में से एक को तो तत्काल राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा का उम्मीदवार बना दिया गया. उन्होंने भाजपा की ओर संकेत करते हुए कहा ‘ ‘अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप पकडे भी नहीं जाते.’ ‘ आजाद ने कहा कि गुजरात की व्यारा विधानसभा सीट (सुरक्षित ) से विधायक पूनाभाई गामित जिला कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में शामिल होने के बाद एक अन्य विधायक के घर चाय पीने जा रहे थे। उसी दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ने उनका ‘ ‘अपहरण ‘ ‘ कर लिया.
आजाद ने आरोप लगाया ‘ ‘पुलिस अधीक्षक ने विधायक से कहा कि कांग्रेस ने आपको आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देने का फैसला किया है और उन्हें पार्टी छोड कर भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए. उस पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि वह विधायक को भाजपा अध्यक्ष से मिलवाएगा और उन्हें टिकट दिलवाएगा.’ ‘ आजाद ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक का कथित तौर पर अपहरण करने वाला पुलिस अधिकारी उन लोगों में से एक है जिन्हें फर्जी मुठभेड के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक ने पुलिस अधिकारी से कहा कि वह कपडे बदलना चाहता है और इस तरह वह वहां से बच कर निकल गये.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद ने कहा ‘ ‘आप ( वोट जुटाने के लिए ) पुलिस का उपयोग कर विधायकों की चोरी कर रहे हैं. आपको शर्म आनी चाहिए.’ ‘ इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि गुजरात में सत्ताधारी भाजपा ने संविधान का उल्लंघन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पार्टी ने विधायकों का अपहरण करने के लिए पुलिस का उपयोग किया है. शर्मा ने कहा कि इस बात की गारंटी दी जानी चाहिए कि राज्यसभा के द्विवाषर्कि चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होने चाहिए.
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि यह कांग्रेस का अंदरुनी मामला है. कांग्रेस के विधायक और राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता अब पार्टी छोड रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने ही उम्मीदवार को वोट नहीं दिया. ‘ ‘यह कांग्रेस का अंदरुनी मामला है, आप यहां क्यों शिकायत कर रहे हैं. ‘ ‘ संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मदारी है. ‘ ‘अगर उन्हें कोई शिकायत है तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। राज्यसभा वह स्थान नहीं है जहां विरोध जताया जाए.’ ‘ नकवी ने कांग्रेस पर यह कह कर कटाक्ष भी किया ‘ ‘अपना घर तो संभलता नहीं है, मोहल्ले में शोर मचा रहे हैं. ‘ ‘ संसदीय कार्य राज्य मंत्री के इतना कहते ही कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे.
सदन में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा ‘ ‘आपको संविधान की रक्षा करनी होगी. मतदाताओं का अपहरण किया जा रहा है. हम कहां जाएं.’ ‘ उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि चुनाव से आसन का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा ‘ ‘जो कुछ कहा जा रहा है, अगर वह हो रहा है तो समाधान यहां नहीं है. आप पुलिस में शिकायत कर सकते हैं , आप चुनाव आयोग में जा कर समाधान मांग सकते हैं. मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है. ‘ ‘
कुरियन ने आसन के समक्ष विरोध जता रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने के लिए कहा. अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने 11 बज कर करीब 20 मिनट पर बैठक दस मिनट के लिए स्थगित कर दी. दस मिनट बाद बैठक पुन: शुरु होने पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने यह मुद्दा दोबारा उठाया. आजाद ने सुझाव दिया कि आसन चुनाव आयोग को आदेश दे सकता है कि आयोग यह सुनिश्चत करे कि चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हों. उन्होंने कहा कि घटनाक्रम में शामिल अधिकारी को हटाया जाना चाहिए. कुरियन ने कहा कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आसन के आदेश की जरुरत नहीं है क्योंकि वह ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘ ‘वह ऐसा कर रहे हैं. ‘ ‘ इस बीच कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे. कुरियन ने कहा ‘ ‘अगर आपको कोई शिकायत है तो आप चुनाव आयोग में जाएं.’ ‘ इस पर नकवी ने कटाक्ष किया कि कल को यह लोग मांग करेंगे कि आसन उच्चतम न्यायाालय को आदेश दे क्योंकि इनके कई सदस्यों पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनाव आयोग को भी आदेश देने को कहेगी क्योंकि वह लोग चुनाव हार रहे हैं.
उप सभापति कुरियन ने कहा ‘ ‘और भी सदस्यों को शून्यकाल के तहत अपने अपने मुद्दे उठाने हैं और मुझे उनके अधिकार की रक्षा करनी है. ‘ ‘ उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उन्होंने बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.