गांधीनगर: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कल भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस विधायक बलवंतसिंह राजपूत ने आज आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल किए. राजपूत कल कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे. तीनों गुजरात से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने पहले दो ही उम्मीदवार शाह व ईरानी दिये थे, लेकिन कांग्रेस विधायकों के टूट कर अपने खेमे में आने से उत्साहित पार्टी ने राज्यसभा की खाली हुई तीसरी सीट के लिए भी अपना उम्मीदवार दे दिया है. यहां तीन ही सीट पर चुनाव हो रहे हैं. राजपूत के उम्मीदवार बनने के बाद तीसरी सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार अहमद पटेल के लिए जीत हासिल करना खासा कठिन हो गया है. हो सकता है कि कांग्रेस के कुछ और विधायक टूट जायें या भीतरघात हो. माना जा रहा है कि यह सारा खेल कांग्रेस के बागी शंकर सिंह वाघेलानेसेट किया है. अगरपटेलहारते हैंतो कांग्रेस के लिए यह न सिर्फ राज्यस्तरबल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भीवाघेला का दिया हुआ बड़ा झटका होगा,जिसका असर सोनिया गांधी पर भी पड़ेगा.
अमित शाह और स्मृति ईरानी को कुछ दिन पहले केंद्रीय नेतृत्व ने राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में नामित किया था, विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक राजपूत के कल सदन एवं पार्टी की सदस्यता छोड़ने के थोड़ी ही देर बाद उन्हें भाजपा का तीसरा उम्मीदवार घोषित कर दिया गया.
राजपूत को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के खिलाफखड़ा किया गया है जो गुजरात में आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए दोबारा नामित किए गए हैं.
गुजरात से राज्यसभा के कुल 11 सदस्यों में से तीन – स्मृति ईरानी एवं दिलीप भाई पांड्या (दोनों भाजपा) और अहमद पटेल – का कार्यकाल 18 अगस्त को खत्म हो रहा है. ऐसे में वहां तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहा है.
कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को जीत के लिए 47 विधायकों का समर्थन चाहिए. गुरुवार से शुक्रवार तक छह विधायकों के इस्तीफा देने के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 51 हो गयी है. जहां राजपूत सहित तीन विधायकों ने कल इस्तीफा दिया था और सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए थे,वहीं तीन और ने आज इस्तीफा दे दिया. अगर मतदान से पहले कुछ और कांग्रेस विधायक टूटते हैं या पार्टी में उनके रहने पर भितरघात होता है तो अहमद पटेल के लिए राज्यसभा पहुंचना मुश्किल हो जायेगा.
शंकर सिंह वाघेला का खेल
ऐसा माना जा रहा है कि इस्तीफों के पीछे कांग्रेस के पूर्व नेता शंकर सिंह वाघेला हैं जिन्होंने पिछले हफ्ते पार्टी और साथ ही विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि वह अब भी विधायक हैं और कहा है कि वह राज्यसभा चुनाव के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे.
तीनों नेताओं के नामांकन दाखिल करने के बाद भाजपा के गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों के आसानी से चुनाव जीतने का भरोसा जताया.
वाघेला के भाजपा में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि यह फैसला उनको करना है.
यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘ ‘यह फैसला वाघेला को करना होगा. हालांकि पार्टी छोड़ते समय उन्होंने जो बातें रखीं, उनसे साफ पता चलता है कि कांग्रेस किस तरह से काम कर रही है. हमारे द्वार उन सभी लोगों के लिए खुले हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के एजेंडे में विश्वास रखते हैं. ‘ ‘