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एलपीजी सब्सिडी खत्म करने का मामला सदन में गूंजा, हुई जमकर नारेबाजी

नयी दिल्ली : घरेलू रसोई गैस पर सब्सिडी में कटौती और राज्यसभा चुनाव में नोटा का विकल्प दिये जाने जैसे मुद्दों को लेकर राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस नीत विपक्ष ने खासा हंगामा किया जिससे उच्च सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुयी और बैठक तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के […]

नयी दिल्ली : घरेलू रसोई गैस पर सब्सिडी में कटौती और राज्यसभा चुनाव में नोटा का विकल्प दिये जाने जैसे मुद्दों को लेकर राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस नीत विपक्ष ने खासा हंगामा किया जिससे उच्च सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुयी और बैठक तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. शून्यकाल में जहां घरेलू रसोई गैस यानी एलपीजी पर सब्सिडी में कटौती का मुद्दा हावी रहा वहीं राज्यसभा चुनाव में नोटा का विकल्प का मुद्दा प्रश्नकाल में छाया रहा. हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल दोनों नहीं हो सके.

शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने एलपीजी सब्सिडी का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार ने हर महीने प्रति सिलेंडर चार रुपये सब्सिडी कम करने की बात की है. इसका मकसद अगले साल तक सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करना है. उन्होंने सरकार पर उसके वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में काफी कमी आयी है लेकिन यहां कीमतों में इजाफा किया जा रहा है.
माकपा नेता सीताराम येचुरी सहित कईअन्य सदस्यों ने भी यह मुद्दा उठाया. इस बीच कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे. वे इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे. सदन में हंगामे को देखते हुए उपसभापति पी जे कुरियन ने 11 बजकर करीब 30 मिनट पर बैठक दस मिनट के लिए स्थगित कर दी. एक बार के स्थगन के बाद बैठक शुरु होने पर सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने फिर यह मुद्दा उठाया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होती जा रही हैं लेकिन सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर तमाम तरह के कर लगा रही है.
जदयू के शरद यादव और सपा के रामगोपाल यादव ने भी यह मुद्दा उठाया. इस बीच विपक्षी सदस्य एक बार आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. शोर के बीच ही पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक बयान दिया लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी और कुरियन ने 11 बजकर 45 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व शून्यकाल में ही सपा के नरेश अग्रवाल ने देश में खाद्यान्न की बर्बादी होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के बाद देश में खाद्यान्न के उत्पादन में पर्याप्त इजाफा हुआ और इसके आयात की जरुरत नहीं रही। उन्होंने एफसीआई के गोदामों में खाद्यान्नों के सडने का जिक्र करते हुए कहा कि इस बात पर विचार करना चाहिए कि इस स्थिति पर कैसे रोक लगे.

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दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर विपक्ष ने राज्यसभा चुनाव में मतदाताओं को नोटा (इनमें से कोई नहीं) विकल्प चुनाव आयोग द्वारा मुहैया कराने का मुद्दा उठाते हुये सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी. कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा द्वारा उठाये गये इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सभापति हामिद अंसारी को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पडी. नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, बसपा के सतीश मिश्रा, सपा के रामगोपाल यादव और टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने इस मामले पर सत्तापक्ष से जवाब मांगने की सभापति से मांग की. इस पर नेता सदन अरण जेटली ने कहा कि नोटा की अधिसूचना चुनाव आयोग ने जारी की थी। संवैधानिक स्वायत्त निकाय के रुप में आयोग द्वारा किये गये किसी फैसले पर चर्चा करने के लिये राज्य सभा उपयुक्त मंच नहीं है.

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सभापति ने जेटली के पक्ष से सहमति जताते हुये कहा कि प्रश्नकाल के दौरान इस विषय को उठाने की वह अनुमति नहीं दे सकते हैं. विपक्ष का हंगामा नहीं थमने पर अंसारी ने 12 बजकर दस मिनट पर सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिये स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर बसपा के सतीश मिश्रा ने नोटा विकल्प जोडने से राज्यसभा का चुनाव ही अवैध हो जाने की आशंका जताते हुये सभापति से यह मुद्दा सदन में उठाने की अनुमति देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ नोटा पर वोट देने वाले जनप्रतिनिधयों की अपनी पार्टी की सदस्यता खतरे में पड जायेगी बल्कि संवैधानिक संकट भी खडा हो जायेगा. इसके समर्थन में सपा के नरेश अगवाल ने सभापति से सदन द्वारा इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की. लेकिन अंसारी ने कहा कि सदस्य अगर इस मसले पर चर्चा कराना चाहते हैं तो उन्हें पहले नोटिस देना होगा.
अंसारी ने कहा कि नेता सदन ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी है इसलिये वह प्रश्नकाल में यह मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं देंगे। इस पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने एक बार फिर शोरशराबा शुरु कर दिया और सभापति ने दोपहर दो बजे तक के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

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