बेंगलुरु/नयीदिल्ली : गुजरात की खाली हुई राज्यसभाकीतीसरी सीट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी जंग अब आइटी छापों और हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों तक पहुंच गयी है. कांग्रेस नेता व कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के 39 ठिकानों परआयकरविभाग की छापेमारी और करोड़ों रुपये की जब्ती के बाद अब कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है. मालूम हो कि बेंगलुरु में शिवकुमार के ही ईगलटन गोल्फ रिजार्ट में गुजरात कांग्रेस के विधायक ठहराये गये हैं. गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक शक्तिसिंहगोहिल नेअबभाजपा पर हमला करते हुए मीडिया से कहा है किहमलोग यहां पर इंज्वाय या पार्टी नहीं कर रहे हैं, अगर वे वहां रहते थे उन्हें भाजपा के द्वारा पेशकश की गयी 15 करोड़ रुपये की रिश्वत लेनी होती. यह बात उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोटिंग के संदर्भ में कही है.
We are not enjoying or partying here, if he had to then would have taken 15 crores as offered by the BJP: Shaktisinh Gohil.Congress Guj MLA pic.twitter.com/AAlhE8HiC6
— ANI (@ANI) August 2, 2017
शक्तिसिंह गोहिल कहा कि रिजार्ट के चारों ओर बंदूकधारी घूम रहे हैं, क्या विधायक क्रिमिनल हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह राजनीति का सबसे बुरा रूप है. मालूम हो कि गुजरात में राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए कांग्रेस के बड़े नेता व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के बागी व भाजपा उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत से है. पहली व दूसरी सीट से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत तय है. अहमद पटेल ने भी ट्वीट कर कहा है कि भाजपा यह सबकुछ सिर्फ राज्यसभा की एक सीट से जीत के लिए कर रही है. अहमद पटेल को यहां से जीत के लिए 47 विधायकों का समर्थन जरूरी है, लेकिन मौजूदा हाल में यह मुश्किल लग रहा है. बेंगलुरु में कांग्रेस के इतने विधायक हैं भी नहीं.
Rajya Sabha adjourned till 2:24 pm after uproar by Congress over IT raids in Bengaluru pic.twitter.com/bGJS8xJVH7
— ANI (@ANI) August 2, 2017
उधर, संसद के जारी मानसून सत्र में इस मुद्दे पर आज खूब हंगामा हुआ है. हालांकि सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस पर जवाब दिया है कि रिजार्ट पर छापा नहीं पड़ा है और विधायकों की तलाशी नहीं ली गयी है. उन्होंने कहा है कि किसी मेजबान को गलत पैसा रखने की अनुमति नहीं मिल जाती है. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा है कि यह सब राजनीति से प्रेरित है.