चीन ने कहा – डोकलाम से भारत हटाये अपनी सेना, भारत की खरी-खरी – हम वहां डटे रहेंगे
नयी दिल्ली : डोकलाम पठार को लेकर जारी गतिरोध के बीच भारत ने आज इस बात को खारिज कर दिया कि वह वहां अपने सैनिकों की उपस्थिति में कोई कटौती करने जा रहा है. सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा है कि भारत की ऐसी कोई योजना नहीं है कि वह हम अपने सैनिक […]
नयी दिल्ली : डोकलाम पठार को लेकर जारी गतिरोध के बीच भारत ने आज इस बात को खारिज कर दिया कि वह वहां अपने सैनिकों की उपस्थिति में कोई कटौती करने जा रहा है. सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा है कि भारत की ऐसी कोई योजना नहीं है कि वह हम अपने सैनिक वहां से कम करें या हटायें. डोकलाम पठार में सड़क बनाने की चाह रखने वाला चीन लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि वह वहां से अपने सैनिकों को हटा ले, लेकिन भूटान के साथ मैत्री संधि के कारण मजबूत कूटनीतिक व सामारिक आधार होने के कारण भारतीय सैनिक वहां डंटे हुए हैं. भूटान चीन के प्रयासों का विरोधी है. मालूम हो कि चीन ने आज ही कहा है कि उसने भारत को अपने इस दृढ़ रुख की सूचना दे दी है कि मौजूदा गतिरोध खत्म करने के लिए उसे ‘ ‘बिना किसी शर्त के ‘ ‘ सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम से अपनी सेना तत्काल हटा कर ‘ ‘ठोस कार्रवाई’ ‘ करनी चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जेइची के बीच 28 जुलाई को हुई मुलाकात का पहली बार ब्योरा देते हुए बताया कि दोनों अधिकारियों ने ब्रिक्स सहयोग, द्विपक्षीय रिश्तों और प्रासंगिक प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की थी.ध्यान रहे कि समय-समय पर अलग-अलग बयान देने वाला चीन अब सिक्किम पर दावाजताने लगा है और डोकलाम को इसका हिस्सा बताना शुरू कर दिया है.
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चीनलगातार भारत पर यह दबाव बनातारहा है कि भारत वहां से सैनिकों कोहटा ले, लेकिन वह खुदऐसा नहीं कर रहा है. चीन इसे अपनी सार्वभौमिकता से जुड़ा मुद्दा बताता रहा है. अब वह सैनिकों की संख्या में कमी लाने की बात कह रहा है.
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बीजिंग भारत पर यह आरोप लगाता रहा है कि उसके सैनिक चीन की भूमि पर हैं, जबकि हकीकतयह है कि वह भूटान की जमीन है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी चीन को पेशकश कर चुकी हैं कि दोनों पक्ष वहां से अपनी सेनाएं कम करं, लेकिन चीन इस प्रस्ताव को ठुकरा चुका है. ऐसे में भारत अपने सामरिक हितों के मद्देनजर इस इलाके सेपीछे नहीं हटने जा रहा है.