बेंगलुरु: कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने कथित कर चोरी के मामले के संबंध में लगातार तीन दिनों तक आयकर अधिकारियों द्वारा कीगयी पूछताछ के बाद आज कहा कि उन्होंने कानून का उल्लंघन नहीं किया और अंत में सच्चाई सामने आ जाएगी. आयकर विभाग ने बुधवार को शिवकुमार की विभिन्न संपत्तियों पर छापे मारने शुरू किए थे जिससे राजनीतिक तूफान पैदा हो गया था.
राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा द्वारा कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में लाने की कथित कोशिशों के बाद गुजरात के 44 कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में रखा गया है और उनकी मेजबानी शिवकुमार ही कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा की सीट के लिए होने जा रहे चुनाव में कड़े मुकाबले का सामना कर रहे हैं.
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वोक्कालिंगा समुदाय से आने वाले शिवकुमार का बेंगलुरु के ग्रामीण और पड़ोसी रामनगर जिलों में काफी प्रभाव है. उन्होंने कहा ‘ ‘ मैं अपनी पार्टी को शर्मिंदा नहीं करना चाहता और करूंगा भी नहीं. ‘ ‘ वह 2018 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की प्रचार समिति के प्रमुख भी हैं.
पार्टी आलाकमान से नजदीकी रखने वाले 55 वर्षीय विधायक को पार्टी के लिए संकट मोचन भी माना जाता है. वह छह बार विधायक रह चुके हैं.
शिवकुमार ने उनका समर्थन करने के लिए पार्टी और उसके नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा, ‘ ‘मुसीबत के समय देश भर में मेरे सभी नेता मेरे साथखड़े रहे. ‘ ‘ छापों के बारे में मीडिया कर्मियों के लगातार सवालों के बावजूद शिवकुमार ने कहा कि वह बाद में इस पर विस्तार से बात करेंगे. उन्होंने कहा, ‘ ‘मैं आपसे बाद में बात करंगा. मैं पहले मंदिर जा रहा हूं फिर मैं रिजॉर्ट जा रहा हूं जहां विधायक रह रहे हैं. चीजों पर चर्चा की गयी, विभिन्न स्तरों पर विचार किया गया. मैं अभी कुछ नहीं बताना चाहता. ‘ ‘ यह पूछे जाने पर कि क्या आयकर विभाग की छापेमारी पूरी हो गयी, इस पर शिवकुमार ने कहा, ‘ ‘आपने अधिकारियों को बाहर जाते हुए देखा. ‘ ‘ अन्य स्थानों पर छापों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘ ‘मुझे नहीं पता. ‘ ‘ उन्होंने कहा, ‘ ‘मुझे बस आपके जरिए ही पता चला कि 70 या 80 स्थानों पर छापे मारे गए हैं. कृपया आप खुद पता करिए. ‘ ‘ मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने बुधवार को एक बयान में आरोप लगाया था कि आयकर विभाग की कार्रवाई भाजपा के खिलाफ आवाज को चुप कराने की कोशिश है.
कर्नाटक सरकार ने छापेमारी के दौरान केंद्र द्वारा सीआरपीएफ जवानों का इस्तेमाल किए जाने पर ‘ ‘कड़ा विरोध ‘ ‘ दर्ज कराते हुए कहा था कि यह राज्य की पुलिस पर संदेह पैदा करता है.