मुंबई: बृहनमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम की 3,500 से ज्यादा बसें बेस्ट के कर्मचारी संघ की हड़ताल के कारण मुंबई की सड़कों से नदारद हो गयीं. यह हड़ताल उनकी मांगों को मनवाने को लेकर की गयी है, जिसमें तनख्वाह का सही समय पर भुगतान भी शामिल है. तकरीबन 36 हजार बेस्ट कर्मचारी आधी रात से हड़ताल पर चले गये, जिसने सोमवार को रक्षाबंधन के दिन नागरिकों को मुश्किल में डाल दिया.
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बेस्ट लगभग 483 मार्गों पर 3700 बसों का संचालन करता है, जिसमें प्रतिदिन 30 लाख से ज्यादा यात्री सफर करते हैं. इसकी परिवहन शाखा को रोजाना तकरीबन दो करोड़ से ऊपर के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. बेस्ट के कर्मचारी और बृहनमुंबई नगर पालिका (बीएमसी) के बीच पिछले कई दिनों से कई मुद्दों पर झगड़ा हो रहा है, जिसमें वेतन का अनियमित भुगतान भी शामिल है.
बेस्ट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशांक राव ने दावा किया है कि उन्हें 16,500 कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है. राव ने रविवारको कहा था कि हमें बीएमसी प्रशासन से लिखित में आश्वासन चाहिए था, लेकिन उन्होंने दिया नहीं. अब हमने निर्णय लिया है कि हम आधी रात से काम पर नहीं जायेंगे. उन्होंने रविवार को ही कहा था कि सात अगस्त को कोई बस नहीं चलेगी.
बेस्ट प्रशासन ने रविवारको एक सर्कुलर जारी करते हुए कर्मचारियों को कहा था कि यदि वह हड़ताल पर गये, तो उन पर महाराष्ट्र एसेंशियल सवर्सिेज मेंटनेंस एक्ट (एमईएसएमए) के तहत अनुशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी थी. बेस्ट समिति के अध्यक्ष अनिल कोकिल ने हड़ताल को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कर्मचारियों से काम शुरू करने की अपील की.
कोकिल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे कर्मचारी रक्षाबंधन के दिन हड़ताल पर चले गये. उनको सवारियों को हो रही परेशानी के बारे में सोचना चाहिए और यह समझना चाहिए कि बेस्ट प्रशासन ने उन्हें हर माह की 10 ता्रीख को वेतन देने का आश्वासन दिया है. मुंबई के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर ने भी बेस्ट कर्मचारियों से काम शुरू करने की अपील की है, ताकि सवारियों को परेशानी का सामना न करना पड़े.