राज्यसभा चुनाव : दो बागियों के वोट हुए रद्द, अहमद पटेल, अमित शाह व स्मृति जीते

आयोग ने मानी कांग्रेस की मांग, भाजपा को झटका नयी दिल्ली/अहमदाबाद : गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर हुई वोटिंग का विवाद मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंच गया. कांग्रेस ने आयोग से शिकायत की कि उसके दो विधायकों राघव पटेल और भोला भाई ने भाजपा को वोट दिया और अपने वोट सार्वजनिक रूप से दिखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2017 6:47 AM
आयोग ने मानी कांग्रेस की मांग, भाजपा को झटका
नयी दिल्ली/अहमदाबाद : गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर हुई वोटिंग का विवाद मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंच गया. कांग्रेस ने आयोग से शिकायत की कि उसके दो विधायकों राघव पटेल और भोला भाई ने भाजपा को वोट दिया और अपने वोट सार्वजनिक रूप से दिखा दिये. इसलिए उनके वोट रद्द कर दिये जाएं. देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस की ये मांग मान ली. इसके बाद करीब रात 1.30 बजे काउंटिंग शुरू हुई. कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल ने 44 वोट हासिल कर जीत दर्ज की.भाजपा के प्रत्याशी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत पहले से ही पक्की थी.
चुनाव आयोग ने अपने फैसले में साफ कहा कि कांग्रेस के दोनों विधायकों ने जन प्रतिनिधि कानून का उल्लंघन किया है. इसके चलते दोनों विधायकों का वोट रद्द होगा. चुनाव आयोग के इस फैसले को कांग्रेस के लिए बड़ी राहत और भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है.
मालूम हो कि भाजपा की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस से सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मैदान में हैं. अब सभी की नजरें कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल के चुनाव पर है.
सस्पेंस इस बात पर है कि मौजूदा समीकरण के चलते सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल राज्यसभा के लिए चुने जाते हैं या नहीं? हालांकि उनकी राह आसान जरूर हुई है. वह जीत के आंकड़े (45)के करीब हैं.
इससे पहले लगभग छह घंटे तक सियासी ड्रामा चला. गुजरात राज्यसभा चुनाव का रण गांधीनगर से दिल्ली पहुंच. दिल्ली में दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता तीन-तीन बार चुनाव आयोग पहुंचे.
कांग्रेस के दो नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग से शिकायत की तो भाजपा की तरफ से छह केंद्रीय मंत्रियों ने आयोग पहुंच कर कांग्रेस की मांग को दरकिनार करने की अपील की. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि उनकी पार्टी के दो विधायकों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए वोटिंग की, इसलिए उन दोनों के वोट रद्द होने चाहिए. वहीं, भाजपा ने इसे कांग्रेस की बौखलाहट करार दिया है. दोनों पार्टियों ने इस मसले पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
इसलिए हो रही है खींचतान : दरअसल, गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई. दो सीटों पर भाजपा नेता अमित शाह व स्मृति ईरानी की जीत लगभग तय है. मगर तीसरी सीट को लेकर समीकरण बेहद पेचीदा हैं. इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल व भाजपा नेता बलवंत राजपूत के बीच मुकाबला है.
अहमद को जीतने के लिए 45 वोट की जरूरत है. फिलहाल उन्हें अपनी पार्टी के 44 विधायकों का ही समर्थन मिला. हालांकि, जदयू और एनसीपी के विधायक ने पटेल को वोट दिया. यानी अहमद पटेल को 45 वोट मिलने का आंकड़ा पेश किया गया. कांग्रेस जिन दो विधायकों के वोटों को लेकर विरोध कर रही है, वो पहले ही पार्टी से बगावत कर चुके हैं.
संकट का वाघेला कनेक्शन : हाल ही में कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने वाले शंकर सिंह वाघेला की भूमिका भी इस लड़ाई में काफी अहम है. वाघेला ने कांग्रेस छोड़ने का एलान भले ही किया है] लेकिन वाघेला और उनके बेटे ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. बलवंत राजपूत वाघेला के रिश्तेदार हैं.
सहयोगी भी काम न आये
एसीपी का वोट बंटा : कांग्रेस विधायकों की बगावत के अलावा एनसीपी ने भी कांग्रेस को झटका दिया है. एनसीपी के एक विधायक ने जहां भाजपा को वोट दिया, वहीं दूसरे ने कांग्रेस को.
जेडीयू विधायक के वोट पर सस्पेंस : जेडीयू विधायक छोटू वसावा ने दावा किया है कि उन्होंने अहमद पटेल को वोट दिया है. वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का दावा एकदम उलटा है. उन्होंने कहा है कि जेडीयू विधायक ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया.
जदयू ने अरुण श्रीवास्तव को राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाया
पटना : गुजरात राज्यसभा चुनाव में अपने मन से रिटर्निंग अफसर को पार्टी चुनाव एजेंट की नियुक्ति का पत्र भेजने के मामले में जदयू ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव को हटा दिया है. अरुण श्रीवास्तव पर अनुशासन भंग करने, पार्टी को धोखा देने और पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाया गया है. जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के हवाले से अरुण श्रीवास्तव को पदमुक्त करने का आदेश जारी किया है.
जीत के लिए चाहिए था 43.5 वोट
चुनाव आयोग के आदेश के बाद भी रोकी काउंटिंग
चुनाव आयाेग के फैसले के बाद भी गुजरात भाजपा के नेताओं ने देर रात करीब 1.30 बजे तक वोटों की गिनती रोके रखी. भाजपा नेताओं की मांग थी कि चुनाव आयोग को दी गयी सीडी सार्वजनिक की जाये, जिसमें कांग्रेस के बागी विधायक दिखा कर वोट देते नजर आ रहे हैं. भाजपा ने आयोग में कांग्रेस के भी दो विधायकों की शिकायत की है़ हालांकि देर रात आयोग के अधिकारियों से बातचीत के बाद भाजपा वोटों की गिनती शुरू होने दी.
रात 11:30 बजे आयोग का आया फैसला, 12 बजे
काउंिटंग का आदेश, 1:30 बजे शुरू हुई
क्या कहता है कानून
द कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 का रूल 39 कहता है कि वोट देने वाले के लिए पोलिंग स्टेशन पर गोपनीयता रखना अनिवार्य है. यदि कोई इसका उल्लंघन करता है, तो पोलिंग ऑफिसर उस वोटर से बैलेट पेपर वापस ले सकता है.
तीन सीट पर थे चार उम्मीदवार
राज्यसभा की तीन सीटों पर चार उम्मीदवार खड़े थें. भाजपा की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही थी. लड़ाई तीसरी सीट को लेकर थी, जिस पर कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल उम्मीदवार थे. इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत उम्मीदवार थे. बलवंत सिंह राजपूत सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक हुआ करते थे.
ऐसे रुकी वोटों की गिनती
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि दो विधायक राघवजी पटेल व भोलाभाई गोहिल ने वोट डालते वक्त भाजपा के एजेंट को दिखाया. वीडियो भी बनाया. कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने आपत्ति जतायी. वोट रद्द करने की मांग की. इन्हीं दो विधायकों ने भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की.
कांग्रेस ने िदया था हरियाणा का उदाहरण
चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि हरियाणा में भी 2016(सुभाष चंद्रा) में ऐसा ही हुआ था, वहां वोट रद्द किया गया था. हमारे पास सबूत के तौर पर वीडियो है.
कांग्रेस में हताशा : भाजपा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कांग्रेस सुबह से बेबुनियाद आरोप लगा रही है. कांग्रेस बौखला गयी है. प्रसाद ने कांग्रेस को कोर्ट जाकर मामले को चुनौती देने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिन दो वोट पर आपत्ति जता रही है, वे सुबह पड़े थे.

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