सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड का हलफनामा, विवादित भूमि पर बने मंदिर, थोड़ी दूर में मस्जिद बनाने का सुझाव

नयी दिल्ली : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में अब एक नया मोड़ आया है. शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इसमें कहा कि विवादित जमीन पर राम मंदिर बनना चाहिए. उससे थोड़ी दूर मुस्लिम क्षेत्र में मस्जिद बनायी जानी चाहिए. बोर्ड ने कहा कि यदि मंदिर-मस्जिद का निर्माण हो गया, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2017 7:00 AM
नयी दिल्ली : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में अब एक नया मोड़ आया है. शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इसमें कहा कि विवादित जमीन पर राम मंदिर बनना चाहिए.
उससे थोड़ी दूर मुस्लिम क्षेत्र में मस्जिद बनायी जानी चाहिए. बोर्ड ने कहा कि यदि मंदिर-मस्जिद का निर्माण हो गया, तो इस लंबे विवाद और रोज-रोज की अशांति से मुक्ति मिल जायेगी. इधर, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने कहा कि कानूनन इस हलफनामे की कोई अहमियत नहीं है. कमेटी के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि ‘यह सिर्फ एक अपील है. हालांकि शिया वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ थी.
ऐसे में इस केस में दूसरे पक्षकारों के साथ बातचीत व एक शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने का अधिकार केवल उसी के पास है.हाइकोर्ट ने क्या कहा था : इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 2010 में अपनी व्यवस्था में इस भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच तीन हिस्सों में बराबर-बराबर बांटने का निर्देश दिया था. हाइकोर्ट के इस फैसले को चुनौती कुछ लोगों ले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट की राय : कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का अदालत से बाहर समाधान निकालने की संभावना तलाशने के लिए कहा था. इसे लेकर पक्षकारों की ओर से प्रयास किये गये, लेकिन समाधान नहीं निकल सका. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को मेरिट के आधार पर इस विवाद का निपटारा करना है.
बाबरी मस्जिद शिया प्रॉपर्टी होने का दावा
यूपी के शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद शिया प्रॉपर्टी थी. इसलिए इस विवाद से जुड़े मामलों में पक्ष बनने का फैसला किया.
बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने एक बयान में कहा कि हमारे सदस्यों की राय है कि बाबरी मस्जिद बाबर के समय मीर बकी की ओर से बनवायी गयी शिया मस्जिद थी. मीर बकी शिया थे. केवल मस्जिद के इमाम ही सुन्नी थे, जिन्हें शिया मुतवल्ली पारिश्रमिक देते थे. वहां शिया-सुन्नी दोनों ही नमाज पढ़ते थे.
थोड़ी दूर में मस्जिद बनाने का सुझाव
11 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
अयोध्या विवाद से संबंधित याचिकाओं पर 11 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच सुनवाई करेगी. यह बेंच अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद का निर्णय करेगी. इस मामले से जुड़े पक्षकारों ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. सात साल बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करने जा रहा है.

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