चेन्नई: मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी द्वारा अन्नाद्रमुक (अम्मा) खेमे के उप सचिव टीटीवी दिनाकरण के खिलाफ बगावत तमिलनाडु में सत्तारुढ़ पार्टी के प्रतिद्वंद्वी धड़ों के विलय की संभावना मजबूत कर सकती है, लेकिन बागी तलैवी अम्मा खेमा अपनी दो प्रमुख मांगों पर अड़ा हुआ है. ओ पनीरसेल्वम नेतृत्व वाले खेमे ने कहा है कि विलय बातचीत के लिए दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिला की मौत की जांच के अलावा जेल में बंद पार्टी प्रमुख वीके शशिकला और उनके परिवार को अन्नाद्रमुक से निष्कासित किए जाने की उसकी मांग में बदलाव नहीं आया है.
यह बयान तब आया है जब अन्नाद्रमुक (अम्मा) खेमे में एक वरिष्ठ नेता ने 15 अगस्त से पहले विलय की संभावना जतायी है. विलय के 15 अगस्त तक होने की खबरों के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर वित्त मंत्री डी जयकुमार ने संक्षिप्त जवाब दिया, ‘हम आश्वस्त हैं. उम्मीद है.’ उनका बयान ऐसे वक्त आया है जब पलानीस्वामी और उनके खेमे में अन्य नेताओं ने पार्टी के निर्णय पर सवाल उठाया है, घटनाक्रम अन्नाद्रमुक खेमे के विलय की संभावनाओं को खोलता है. लेकिन, प्रतिद्वंद्वी पुराची तलैवी (अम्मा) खेमे ने कहा है कि उसकी पहले की मांगों में कोई बदलाव नहीं आया है.
पनीरसेल्वम के प्रमुख सहयोगी केपी मुनुसामी ने कहा, ‘जैसा कि हम पहले घोषणा कर चुके हैं, पहली मांग अम्मा (जयललिता) की मौत की जांच, दूसरी पार्टी से शशिकला और उनके परिवार का निष्कासन. हम कह चुके हैं कि विलय ( की संभावना) पर इन मांगों के पूरा होने के बाद ही चर्चा होगी.’