चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने अन्नाद्रमुक की दिवंगत नेता जे. जयललिता की मृत्यु के कारणों की छानबीन के लिए आज एक जांच आयोग की घोषणा की. जयललिता के निधन के आठ महीने बाद जांच आयोग के गठन की घोषणा की गयी. पलानीस्वामी ने यह घोषणा भी की कि जयललिता के स्थानीय पोएस गार्डन आवास को एक स्मारक में बदला जायेगा जिसे सरकार की ओर से संचालित किया जायेगा.
मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से अन्नाद्रमुक के बागी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम की अगुवाई वाले धड़े के पलानीस्वामी की अगुवाई वाले धड़े में विलय लगभग तय हो गया है. पनीरसेल्वम की अगुवाई वाले धड़े की दो मुख्य मांगें यही थीं कि जयललिता की मौत के कारणों की जांच करायी जाए और पोएस गार्डन स्थित उनके आवास को स्मारक में तब्दील किया जाये.
पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता ने 75 दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद पिछले साल पांच दिसंबर को हृदय गति रुक जाने के कारण निधन हो गया था. अन्नाद्रमुक की अंतरिम महासचिव वी के शशिकला और उनके भतीजे एवं पार्टी के उप-महासचिव टी. टी. वी. दिनाकरण को औपचारिक तौर पर पार्टी से निकालने की मांग भी पनीरसेल्वम की ओर से की गयी थी.
अपनी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों की मौजूदगी में पलानीस्वामी ने पत्रकारों को बताया कि जांच आयोग की अध्यक्षता मद्रास उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश करेंगे. उन्होंने कहा कि न्यायाधीश के नाम की घोषणा बाद में की जायेगी.