नयी दिल्ली: भाजपा सत्ता के मामले में जहां कांग्रेस को लगातार पीछे धकेलती आ रही है वहीं पार्टी को मिलने वाले चंदे में भी वह आगे निकल चुकी है. खबरों की मानें तो भाजपा को कांग्रेस से कई गुना ज्यादा चंदा प्राप्त हुआ है. चुनाव निगरानी समूह "एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार चार साल में भाजपा को सर्वाधिक 705 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट चंदा प्राप्त हुआ है. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस है, जिसे 198 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले हैं.
एडीआर ने वित्त वर्ष 2012-13 से 2015-16 के बीच चार साल का रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार इन चार वर्षों के दौरान कॉर्पोरेट एवं व्यापारिक घरानों ने पांच राष्ट्रीय पार्टियों को कुल 956.77 करोड़ का का चंदा दिया है. माकपा, भाकपा को सबसे कम चंदा प्राप्त हुआ है. भाकपा और माकपा को सबसे कम कॉर्पोरेट चंदा मिला जो क्रमशः चार फीसदी और 17 फीसदी है.
एडीआर ने यह भी जानकारी दी है कि बसपा को इसलिए शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि पार्टी ने खुद घोषणा कर रखी है कि उसे इस अवधि में किसी भी दानदाता से 20,000 रुपये से अधिक का चंदा नहीं प्राप्त हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की इन पांच राष्ट्रीय पार्टियों को 1,933 ऐसे दानदाताओं से कुल 384.04 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, जिन्होंने चंदे के फॉर्म में पैन नंबर का उल्लेख नहीं किया है.
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रिपोर्ट की मानें तो, 2012-13 में जब भाजपा सत्ता में नहीं थी तब उन्हें कुल चंदे का 89 प्रतिशत प्राप्त हुआ था. वहीं, सत्ता में आने के बाद भी कुछ अंतर नहीं आया, 2015-16 में भाजपा को 87 प्रतिशत चंदा मिला.