हरिद्वार : आज सोमवती अमावस्या के अवसर पर लोगों ने सुबह-सुबह गंगा नदी में स्नान किया. इस दिन अहले सुबह स्नान का बहुत महत्व है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इस व्रत को सर्वमनोकामना पूर्ति हेतु किया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं. साथ ही इस दिन मौन धारण करने का भी विधान है. इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और वृक्ष की जड़ में दूध, जल, पुष्प, अक्षत-चंदन आदि अर्पित कर पूजा करती हैं.
भारतीय परंपरा में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह ने युधिष्ठर को इस दिन की महत्ता बतायी थी और कहा था कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य स्वस्थ रहता है और उसके पितरों को भी शांति मिलती है. चूंकि पीपल के पेड़ में देवताओं का वास होता है इसलिए सोमवती अमावस्या को पीपल पेड़ की पूजा और परिक्रमा का विधान है.