लगभग बिहार मॉडल पर बदल गयी तमिलनाडु की राजनीति, हाशिये पर चली गयीं शशिकला
नयी दिल्ली : तमिलनाडु की राजनीति मात्र एक दिन में बदल गयी और सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला हाशिये पर चली गयीं. यह सबकुछ लगभग जुलाई के अंत में बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए सत्ता परिवर्तन कीतर्ज पर हुआ. बिहारमेंजिसतरहजदयूनेतानीतीश कुमार औरभाजपा नेता सुशील कुमारमोदीकेसाथ आने पर लालू प्रसादका कुनबा […]
नयी दिल्ली : तमिलनाडु की राजनीति मात्र एक दिन में बदल गयी और सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला हाशिये पर चली गयीं. यह सबकुछ लगभग जुलाई के अंत में बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए सत्ता परिवर्तन कीतर्ज पर हुआ. बिहारमेंजिसतरहजदयूनेतानीतीश कुमार औरभाजपा नेता सुशील कुमारमोदीकेसाथ आने पर लालू प्रसादका कुनबा सत्ता से बाहर हो गया, उसी तरह आज इ पलानीसामी और ओ पनीरसेल्वम के साथ आने से शशिकला का कुनबा किनारे हो गया. उनके भतीजे दिनाकरण को इस महीने की दस तारीख को पार्टी के सह महासचिव पद से पलानीसामी गुट ने प्रस्ताव पारित कर हटा दिया है, अब ऐसा ही अगले कुछ सप्ताह में शशिकला के साथ होना लगभग तय है. दोनों गुटों के विलय के बाद पार्टी नेताओं ने खुशी जताते हुए कहा भी कि अब दिनाकरण के बुरे दिन आ गये हैं.
बिहार में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने अचानक जुलाई के अंतिम दिनों में महागंठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अगले दिन उन्होंने जदयू-एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ले ली.लगभग ऐसा हीआजतमिलनाडुमें हुआ.अंतरसिर्फ यहहैकि वहां एक ही पार्टी के दोधड़े थेऔर सीएम नेपदसे इस्तीफा नहीं दिया, बस सरकार का विस्तार किया. लंबेऊहापोह के बाद पलानीसामीऔर पनीरसेल्वमआजअन्नाद्रमुक मुख्यालय में जुटे औरदोनों ने साथ-साथअम्मा के सपनोंको सच करने कीशपथ ली और साथ ही अम्मा को श्रद्धांजलिदेने भी गये.शामहोते-होते पनीरसेल्वम ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली औरराज्यपाल की मौजूदगीमें सीएम से हाथमिलाया. गौरतलब है कि पनीरसेल्वम को पद से हटाने के बाद पलानीसामी को सीएम बनाने का फैसला शशिकला ने लिया था.
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तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार केआरोपों के आधार पर बिहार में नीतीश कुमार ने 26 जुलाई की शामको इस्तीफा देकर महागंठबंधन की सरकार भंग कर दी थी और अगले दिन जदयू-एनडीए सरकार का गठन किया था.दिवंगत जयललिता के अनुयायी के रूप में काम करते रहे पलानीसामी और पनीरसेल्वम ने अंतत: यह एक तरह से मान लिया कि भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद शशिकला पार्टी को जिस राह पर ले जा रही हैं, उससे न सिर्फ पार्टी की विघटन हो जायेगा, बल्कि उनके राजनीतिक कैरियर पर भी संकट उत्पन्न हो जायेगा. तमिलनाडु की जनता के मन में दिवंगत जयललिता के प्रति गहरा सम्मान व प्रेम है. इसलिए आज दोनों नेताओं ने राज्य की जनता को इस बात के लिए आश्वस्त किया कि वे उनके सपनों को पूरा करने के लिए काम करेंगे.
इस फेरबदल के बाद पार्टी की मौजूदा महासचिव शशिकला का पद निष्प्रभावी हो गया है. पार्टी ने एक काे-आर्डिनेशन कमेटी गठित की है, जो अन्नाद्रमुक का संचालन करेगी. पलानीसामी ने इसके संयोजक के रूप में ओ पनीरसेल्वम का नाम खुद प्रस्तावित किया और खुद का नाम सह संयोजक के रूप में रखा. यानी संगठन में पनीरसेल्वम सीनियर पद पर हैं और उनके बाद पलानीसामी हैं, जबकि सरकार में सीनियर पद पर पलानीसामी हैं और उनके बाद पनीरसेल्वम हैं. यह समन्वय तो अद्भुत है ही.