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सस्ते उपग्रह प्रक्षेपण के बाद, अपने उपकरण बनायेगा इसरो

नयी दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के प्रमुख ए एस किरन कुमार ने आज कहा कि सस्ते उपग्रह प्रक्षेपणों के लिए प्रसिद्ध इसरो अपनी क्षमता बढाने तथा वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के बडे हिस्से पर दबदबा बनाने के लिए प्रक्षेपण यानों के निर्माण हेतु एक संकाय बनाने के प्रयास में है. कुमार ने संगठन के […]

नयी दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के प्रमुख ए एस किरन कुमार ने आज कहा कि सस्ते उपग्रह प्रक्षेपणों के लिए प्रसिद्ध इसरो अपनी क्षमता बढाने तथा वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के बडे हिस्से पर दबदबा बनाने के लिए प्रक्षेपण यानों के निर्माण हेतु एक संकाय बनाने के प्रयास में है.

कुमार ने संगठन के भीतर और घरेलू उद्योग में क्षमता निर्माण पर जोर दिया. कुमार ने कहा, ‘ ‘हम प्रक्षेपण की संख्या बढाने के प्रयास में हैं. हम प्रक्षेपण यान बनाने के लिए संयुक्त उपक्रम वाले एक संकाय पर गौर करने का प्रयास कर रहे हैं. ‘ ‘ इस साल की शुरुआत में, इसरो ने अपने सबसे भरोसेमंद प्रक्षेपण यान पीएसएलवी की मदद से एक बार में 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया. इस संकाय के साथ, इसरो की योजना पीएसएलवी की संख्या बढाने पर है ताकि प्रक्षेपणों की संख्या प्रक्षेपण यानों की संख्या के बराबर हो सकें.

कुमार ने यहां एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘ ‘सवाल वैश्विक बाजार का एक बडा हिस्सा हासिल करने के लिए क्षमता निर्माण का है. ‘ ‘ पीएसएलवी के जरिये इसरो ने कम लागत पर विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित किये हैं. उन्होंने कहा कि इसरो चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान 2 ‘ के लिए भी तैयारी कर रहा है. इसमें चंद्रमा की धरती पर एक लैंडर छोडना भी शामिल है. कुमार ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने वैज्ञानिक समुदाय से शुक्र, मंगल और कुछ क्षुद्रग्रहों के लिए अंतरग्रहीय मिशनों के प्रक्षेपणों के संभावित कार्यक्रमों पर प्रस्ताव मांगे हैं.

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