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सुरेश प्रभु का कौन बनेगा विकल्प, क्या पीएम मोदी किसी बड़ी राजनीतिक शख्सीयत को सौंपेंगे कमान?

नयी दिल्ली : रेलमंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे के बाद अगले रेलमंत्री को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज सुरेश प्रभु नेभेंट कर अपने इस्तीफे की पेशकश की है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरेश प्रभु काइस्तीफास्वीकार नहीं किया है और उन्हें अभी थोड़ा इंतजार करने को कहा […]

नयी दिल्ली : रेलमंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे के बाद अगले रेलमंत्री को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज सुरेश प्रभु नेभेंट कर अपने इस्तीफे की पेशकश की है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरेश प्रभु काइस्तीफास्वीकार नहीं किया है और उन्हें अभी थोड़ा इंतजार करने को कहा है. समझा जाता है कि यह इंतजार जल्द होने वाले कैबिनेट विस्तार से जुड़ा है, जिसमेंनये मंत्रियों को शामिल किया जाना है. सुरेश प्रभु काेमोदी सरकार इस दौरान तक रेलमंत्री के पदपर बनाये रख सकती है. उनसे पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तलने आज सुबह इस्तीफा दिया था. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेएके मित्तल को हाल के दिनों में हुए रेल हादसों के लिए फटकार लगायी थी.

सुरेश प्रभुप्रोफेशनसे सीए हैं औरपहलेशिवसेना में थे. प्रधानमंत्री ने उन्हें शिवसेना से असहमतियों के बीच अपनी पार्टी के कोटे से 10 नवंबर 2014 को रेलमंत्री बनाया था औरराज्यसभामें भेजा था. सुरेश प्रभु ने वाजपेयी सरकार में बिजली मंत्री के रूप में शानदार कामकाज किया था औरउनका रेलमंत्री बनाया उनकी इसी पिछलीउपलब्धि का परिणाम था.जब वे रेल मंत्रालय में लाये गये तो उनसे बहुत सारी उम्मीदें जुड़ी थीं कि वे रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा के साथ उसका आधुनिकीकरण भी करेंगे. आधुनिकीकरण के मुद्दे पर सुरेश प्रभु बहुतहद तक कामयाब भीनजर आये, लेकिन सुरक्षा एवं संरक्षा के मुद्दे परउनका प्रदर्शन बहुत शानदार नहीं माना गया. चूंकि भारतीय रेल पर दो करोड़ की आबादी हर दिन सफर करती है, जो दुनिया के ज्यादातर देशों की आबादी से अधिक है, ऐसे में वहां सुरक्षा एवं संरक्षा का सवालसबसे अधिक अहम है.

क्लिक कर पढ़ें : दो रेल हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल का इस्तीफा

बहरहाल, इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि सुरेश प्रभु का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद रेलमंत्री कौन होगा? इसमें सबसे पहला नाम रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का आता है. सिन्हा को पूर्ण रूप से रेलमंत्री बनाये जाने की संभावना जतायी जा रही है. संचार मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार के रूप में उनके कामकाज से प्रधानमंत्री खुश बताये जाते हैं. कॉल ड्राप का मुद्दा गरमाने पर उन्हें रविशंकर प्रसाद की जगह इस मंत्रालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेकर आये थे.

हालांकि इस बात की भी संभावना है कि इस अहम मंत्रालय के लिए नरेंद्र मोदी अब किसी विशुद्ध राजनीतिक व्यक्ति का नाम तय कर सकते हैं. इस पद पर बैठाये जाने वाला व्यक्ति अपेक्षाकृत अधिक बड़े राजनीतिक कद का हो सकता है. अधिकतर मौकों पर इस पद पर बड़े राजनीतिक कद के व्यक्ति ही रहे हैं. नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, ममता बनर्जी,रामविलासपासवान ऐसे ही नाम हैं. पूर्व में जॉन मथाई, लाल बहादुर शास्त्री,गुलजारी लाल नंदा, कमलापति त्रिपाठी, जार्जफर्नाडीस, माधवरावसिंधिया व सीके जाफर शरीफ जैसे कद्दावर नेता रेलमंत्री रहे हैं.

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