मोदी की नयी ”राज-नीति”, कैबिनेट ने ओबीसी के वर्गीकरण पर विचार के लिए आयोग गठन को मंजूरी दी

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्गो :ओबीसी: के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार केलिए एक आयोग गठित करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत अन्य पिछड़ावर्गों के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2017 4:37 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्गो :ओबीसी: के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार केलिए एक आयोग गठित करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत अन्य पिछड़ावर्गों के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार केलिए एक आयोग गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. यह आयोग अपने अध्यक्ष की नियुक्ति की तिथि से 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा. इस आयोग को अन्य पिछड़ा वर्गों के उप वर्गीकरण पर विचार करने वाले आयोग के नाम से जाना जायेगा.

आयोग की सेवा शर्तों में कहा गया है कि यह ओबीसी की व्यापक श्रेणी समेत जातियों और समुदायों के बीच आरक्षण के लाभ के असमान वितरण के बिन्दुओं पर विचार करता है जो ओबीसी को केंद्र सूची में शामिल करने के संदर्भ में होगा. आयोग को ऐसे अन्य पिछड़ा वर्ग के उप वर्गीकरण केलिए वैज्ञानिक तरीके वाला तंत्र, प्रक्रिया, मानदंड और मानक का खाका तैया करने के साथ केंद्र सूची में दर्ज ओबीसी के समतुल्य संबंधित जातियों, समुदायों, उप जातियों की पहचान करने की पहल करनी है एवं उन्हें संबंधित उप श्रेणियों में वर्गीकृत करना है.

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने इंदिरा साहनी एवं अन्य बनाम भारत सरकार मामले में 16 नवंबर 1992 को अपने आदेश में व्यवस्था दी थी कि पिछड़े वर्गों को पिछड़ा या अति पिछड़ा केरूप में श्रेणीबद्ध करने में कोई संवैधानिक या कानून रोक नहीं है, अगर कोई सरकार ऐसा करना चाहती है. देश के नौ राज्यों आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पुदुचेरी, कर्नाटक, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में पहले ही अन्य पिछड़ा वर्ग का उप वर्गीकरण किया जा चुका है.

Next Article

Exit mobile version