#SureshPrabhu के इस्तीफे की वजह बने ये रेल हादसे…?
पांच दिनों के अंदर दो रेल हादसों ने भारतीय रेल के पूरे महकमे में उथल-पुथल मचा दी है. पहले उत्कल एक्सप्रेस और फिर कैफियत एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद रेलवे पर लापरवाही के आरोप लगने तेज हो गये हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन केके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. रेल मंत्री […]
पांच दिनों के अंदर दो रेल हादसों ने भारतीय रेल के पूरे महकमे में उथल-पुथल मचा दी है. पहले उत्कल एक्सप्रेस और फिर कैफियत एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद रेलवे पर लापरवाही के आरोप लगने तेज हो गये हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन केके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी आलोचकों के निशाने पर हैं और विपक्ष ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए प्रभु से इस्तीफे की मांग की है.
इस बीच एक के बाद एक पोस्ट किये गये अपने पांच ताजा ट्वीट्स में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लगातार बढ़ रहे ट्रेन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफे की पेशकश की है. अपने इन ट्वीट्स में प्रभु ने इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पक्ष रखने की कोशिश की है. आखिरी ट्वीट में उन्होंने बताया है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी को इस्तीफा सौंप चुके हैं और मोदी ने उन्हें इंतजार करने को कहा है.
वैसे प्रभु के इस्तीफे की यह पेशकश गलत भी नहीं है. नवंबर 2014 में मोदी जी ने ‘प्रभु’ के हाथ में रेलवे की बागडोर यह सोचकर सौंपी होगी कि प्रभु इसका कल्याण करेंगे. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रभु के तीन साल के कार्यकाल में छोटे-बड़े कुल 300 रेल हादसे हो चुके हैं. इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक 31 रेल हादसे हो चुके हैं.
भले ही सुरेश प्रभु रेल यात्रियों के ट्वीट पर उनकी समस्याआें का समाधान करने के लिए मशहूर हो चुके हों, लेकिन कहते हैं कि जान है तो जहान है. बात जब जानलेवा हादसों पर आ जाये तो सारी हाइटेक कार्रवाई धरी की धरी रह जाती है.
प्रभु की रेल में हुए हादसों पर आइए डालें एक नजर…
- 22 अगस्त 2017को बुधवार को कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में रेल दुर्घटना हुई. आजमगढ़ से दिल्ली आ रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है. मानव रहित फाटक पर देर रात ट्रेन एक डंपर से टकरा गयी. इससे ट्रेन के इंजन सहित 10 डिब्बे पटरी से उतर गये. घटना में 25 लोग घायल हुए हैं.
- 17 अगस्त 2017 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर के पास खतौली में ट्रेन नंबर 18477 पुरी-उत्कल एक्सप्रेस के हादसे में 23 लोगों की जान चली गयी, जबकि 150 से ज्यादा जख्मी हुए. दुर्घटना इतनी जोरदार थी कि पटरी से उतरे 13 कोच एक-दूसरे पर जा चढ़े.
- 21 मई 2017 को उन्नाव स्टेशन के पास लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट के आठ डिब्बे पटरी से उतर गये थे. इसमें 30 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये थे.
- 15 अप्रैल 2017 को मेरठ-लखनऊ राजरानी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे रामपुर के पास पटरी से उतर गये. इसमें लगभग एक दर्जन यात्री घायल हो गये थे.
- 30 मार्च 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच पटरी से उतर गयी. इसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. यह हादसा रात लगभग दो बजे हुआ था.
- 20 फरवरी 2017 को दिल्ली जा रही कालिंदी एक्सप्रेस टूंडला जंक्शन पर पटरी से उतर गयी थी. इस हादसे में सवारी और मालगाड़ी की आपस में टक्कर हुई थी. हादसे में तीन डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गये थे, जिसमें तीन दर्जन यात्री घायल हो गये थे.
- 22 जनवरी 2017को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में हीराखंड एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से लगभग 39 लोग मारे गये.
- 28 दिसंबर 2016 को कानपुर देहात के रूरा रेलवे स्टेशन के पास सुबह सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गयी थी. इस हादसे में सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए और दिल्ली से आने वाली 20 से ज्यादा ट्रेनों को पिछले स्टेशनों पर रोकदिया गया था.
- 20 नवंबर 2016 को कानपुर के पास पुखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इसमें लगभग 150 यात्रियों को जान गंवानी पड़ी और लगभग 250 यात्री घायल हो गये.
- 6 मई 2016को चेन्नई सेंट्रल-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस की एक अन्य ट्रेन से टक्कर हो गयी. इसमेंलगभग एक दर्जन लोग घायल हुए.
- 4 अगस्त 2015को मध्यप्रदेश में कुरावन और भृंगी स्टेशन के बीच कामायनी एक्स्प्रेस और जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गयी थी. इस हादसे में 31 लोग मारे गये थे.
- 20 मार्च 2015को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस रायबरेली के बछरावां के पास पटरी से उतर गयी थी. इस हादसे में 34 लोग मारे गये थे.
- 13 फरवरी 2015 को बेंगलुरू सिटी-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन के नौ डिब्बे अनेकल के पास पटरी से उतर गये थे और नौ यात्रियों की मौत हो गयी थी.