प्रधानमंत्री बताएं ”प्रभु” को पद मुक्त कर उनकी जगह किस काबिल को रेल मंत्री बनाने जा रहे हैं : कांग्रेस

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में चार दिन के अंदर दो बड़ी रेल दुर्घटना के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभु के इस्तीफे को अभी तक मंजूर नहीं किया है. इधर मुख्‍य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2017 7:42 PM

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में चार दिन के अंदर दो बड़ी रेल दुर्घटना के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभु के इस्तीफे को अभी तक मंजूर नहीं किया है. इधर मुख्‍य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुरेश प्रभु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है. देश में ट्रेन हादसों की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता जताते हुए कांग्रेस ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की कि उन्हें रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे की पेशकश को स्वीकार कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा, रेलमंत्री सुरेश प्रभु को इस्तीफे की पेशकश की लीपापोती बंद करनी चाहिए. प्रधानमंत्री या तो प्रभु को पद मुक्त करें या उनके त्यागपत्र की पेशकश को मान लें.

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सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को पूरे देश को यह बताना चाहिए कि प्रभु का इस्तीफा स्वीकार कर या उन्हें पद मुक्त कर उनकी जगह वह किस काबिल व्यक्ति को रेल मंत्री बनाने जा रहे हैं.

* रेल हादसे भारतीय रेलवे के पर्यायवाची बन गये

कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि वह रेलवे सुरक्षा के लिए आवश्यक 46 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध कब तक कर पाएगी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘ ‘रेल हादसे अब भारतीय रेलवे के पर्यायवाची बन गये हैं. आए दिन हो रहे रेल हादसे, पटरियों से उतरती ट्रेनें और रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर घोर लापरवाही से रेल सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है.

* वर्ष 2016-17 में ट्रेन हादसों की संख्या पिछले एक दशक में सबसे अधिक

सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से पूछा, भाजपा सरकार रेलवे सुरक्षा के लिए आवश्यक 46 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध कब तक करेगी. अगर आप बुलेट ट्रेन एक लाख करोड़ रुपये दे सकते हैं तो रेलवे सुरक्षा के लिए 46 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने जानना चाहा कि उत्कल एक्सप्रेस हादसे में दोषी लोगों के खिलाफ मामला कब दर्ज करवाया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु न तो रेलवे को अपनी प्रबंधकीय क्षमता दे पाये हैं न ही राजनीतिक जवाबदेही तय कर रहे हैं. मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में 28 बडे रेल हादसे हुए हैं. इनमें 259 रेलयात्रियों की जानें गयीं और 973 लोग घायल हुए. यह भी सच है कि वर्ष 2016-17 में ट्रेन हादसों की संख्या पिछले एक दशक में सबसे अधिक है.

* रेलवे में इस समय एक लाख 42 हजार पद खाली

सुरजेवाला ने कहा कि रेल प्रणाली में सुधार के लिए पिछले तीन सालों में रेल मंत्री या सरकार की तरफ से कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गये. रेलवे में इस समय एक लाख 42 हजार पद खाली हैं. इनमें से बहुत से पद रेलवे सुरक्षा से संबंधित हैं. पैसा बचाने की आड में इन पदों को नहीं भरा जा रहा है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है, यह प्रश्न हम सरकार से पूछना चाहते हैं.

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* रेलवे सुरक्षा पर मोदी सरकार का ध्यान नहीं

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, एक तरफ तो रेल सुरक्षा से गंभीर समझौता किया जा रहा है वहीं यात्री किराये, माल भाड़े, प्लेटफार्म टिकट, आरक्षण शुल्क आए दिन बढ़ाये जा रहे हैं. सच यह है कि पिछले तीन साल में रेल भाड़े में 70 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. रेलवे को आज 100 रुपये कमाने के लिए 109 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. इन सब के बावजूद रेल का मुनाफा लगातार घट रहा है और ऋण बढ़ रहा है. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार बुलेट ट्रेन के लिए जापान से एक लाख करोड़ रुपये रुपये का ऋण ले सकती है तो रेलवे सुरक्षा के लिए 46 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध क्यों नहीं कर सकती.

गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले में आज तड़के कैफियात एक्सप्रेस के एक डंपर से टकरा जाने के बाद पटरी से उतर जाने की घटना में 74 लोग घायल हो गये. इससे पहले गत शनिवार को राज्य के मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसे में 23 लोगों की जान गयी और करीब 100 लोग घायल हो गये.

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