#RamRahimVerdict: राम रहीम की सरकार से नूरां कुश्ती में जनता बन गयी है बंधक

गुरमीत राम रहीम के समर्थकों ने सरकार के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. पूरा हरियाणा ठप सा पड़ गया है. 74 ट्रेनें रद्द कर दी गयी वहीं इंटरनेट सेवा भी ठप हो चुका है. हरियाणा में डेरा समर्थकों की भारी तादाद के मद्देनजर पैरामिलिट्री फोर्सेस की 53 कंपनियां और हरियाणा पुलिस के 50,000 जवान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2017 11:47 AM

गुरमीत राम रहीम के समर्थकों ने सरकार के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. पूरा हरियाणा ठप सा पड़ गया है. 74 ट्रेनें रद्द कर दी गयी वहीं इंटरनेट सेवा भी ठप हो चुका है. हरियाणा में डेरा समर्थकों की भारी तादाद के मद्देनजर पैरामिलिट्री फोर्सेस की 53 कंपनियां और हरियाणा पुलिस के 50,000 जवान तैनात कर दिये गये हैं. प्रशासन को भीड़ काबू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.हरियाणा पुलिस अपर महानिदेशक पद से अवकाश प्राप्त अधिकारी विकास नारायण राय ने अपने फेसबुक वॉल पर हरियाणा की मौजूदा स्थिति को लेकर अपनी राय रखी है.

राम रहीम की सरकार से नूरां कुश्ती में जनता बंधक बन गयी लगती है.उत्तरोत्तर स्पष्ट हो रहा है सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम की 25 अगस्त को पंचकुला सीबीआई अदालत में पेशी को लेकर उसके और हरियाणा सरकार के बीच कोई स्टैंड ऑफ नहीं, बस नूरां कुश्ती चल रही है. मानो पटकथा लिखी जा चुकी है और मुख्य किरदार अपनी भूमिका को लेकर आश्वस्त हैं.
आज पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर सुनवाई में राज खुला कि राज्य सरकार ने अपने बंदोबस्त में धारा 144 लगाईं ही नहीं, लिहाजा राम रहीम के समर्थनमें जमावड़ा बेरोकटोक चलता रहा है.विशेषकर राज्य के दो शहरों, पंचकुला और सिरसा में आम लोग बेहद तनाव में नजर आते हैं. दोनों शहरों में लाखों की संख्या में डेरा प्रेमियों को इकट्ठा होने देकर पुलिस और सरकार ने अपने हाथ बाँध लिए लगते हैं. एक तरह से कानून-व्यवस्था को राम रहीम ने बंधक बना लिया है. राम रहीम के मैनेजरों के जो भी बयान आ रहे हैं, वे आश्वस्तकारी नहीं हैं. स्वयं राम रहीम ने अपनी ट्वीट में सभी विकल्प खुले रखे हैं. फिल्मों में बड़े-बड़े स्टंट करता दिखने वाला यह बहुरूपिया अपनी बीमार पीठ का हवाला दे रहा है जिससे अदालत में न जाने का मेडिकल आधार तैयार रहे.
सिरसा से दो सौ किलोमीटर चलकर वह पंचकुला कैसे पहुंचेगा, कोई नहीं बता पा रहा. पुलिस ने सिरसा को छावनी में बदल दिया है और वहां रात्रि कर्फ्यू की घोषणा भी कर दी है. यानी राम रहीम, कानून-व्यवस्था का हवाला देकर भी अपने डेरे से निकलने से इंकार कर सकता है.सिरसा डेरे में पचास हजार डेरा प्रेमियों की उपस्थिति बताई जा रही है. यह 2015 की हिसार में रामपाल के सतलोक आश्रम की कई दिन चली पुलिस घेराबंदी की याद दिलाता है. राम रहीम आसानी से यह तर्क भी ले सकता है कि उसके समर्थक उसे बाहर नहीं आने दे रहे. ऐसे में पुलिस का डेरे में घुस पाना भी संभव नहीं होगा.
सबसे बड़ी चिंता की बात है कि तनाव के बावजूद डेरा स्कूलों के हॉस्टल में सैंकड़ों बच्चों को रोक कर रखा गया है. यहाँ तक कि 22 अगस्त को हरियाणा बाल आयोग की अध्यक्ष से यहाँ का निरीक्षण कराकर बाकायदा रिपोर्ट बनाई गयी. जाहिर है, इन बच्चों को पुलिस रेड के समय बतौर ढाल इस्तेमाल करने की योजना है. याद कीजिये रामपाल के डेरे की पुलिस घेरेबंदी में अंदर मानव शील्ड बना कर रखी छह महिलाओं की जान गयी थी.
ऊपर से लगता है कानून-व्यवस्था के हक़ में तमाम संभव कदम उठाये गए हैं. यहाँ तक कि केन्द्रीय सुरक्षा बल और सेना को भी बंदोबस्त में शामिल किया गया है. पर, दरअसल, शासक भाजपा के लिए डेरा प्रेमी उसके वोट बैंक हैं. यहाँ तक कि विपक्षी दलों, कांग्रेस और इनेलो की गिद्ध दृष्टि भी इस वोट बैंक के उनके पक्ष में टूटने पर लगी है. डर है इस अनिश्चितता की कीमत हरियाणा के आम आदमी को न चुकानी पड़े

Next Article

Exit mobile version