कांग्रेस चली भाजपा की राह, गुजरात चुनावों से पहले राज्य में चार नये कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किये
नयी दिल्ली/अहमदाबाद : कांग्रेस ने गुजरात में चार कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किये हैं, जबकि प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी को नयी प्रदेश चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल […]
नयी दिल्ली/अहमदाबाद : कांग्रेस ने गुजरात में चार कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किये हैं, जबकि प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी को नयी प्रदेश चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तुषार चौधरी, परेश धनानी, कुवरजी बावलिया और करसन दास सोनेरी को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त करने के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दी है.’ सोलंकी 12 सदस्यीय चुनाव समिति की अगुवाई करेंगे, जिसमें मोहनसिंह राठवा, शक्तिसिंह गोहिल, नरेश रावल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया और सिद्धार्थ पटेल जैसे वरिष्ठ नेता सदस्य के तौर पर शामिल होंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, राज्यसभा सदस्य मधुसूदन मिस्त्री, इरशाद बेग मिर्जा, परेश धनानी, दीपक बाबरिया, प्रभाबेन तावियाड और खुर्शीद अहमद सईद को भी समिति का पदेन सदस्य बनाया गया है. सहयोगी संगठनों के चार सदस्यों को प्रदेश चुनाव समिति का पदेन सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा सात विशेष तौर पर आमंत्रित सदस्य हैं.
गुजरात में सत्ताधारी भाजपा से मुकाबले के लिए इन नियुक्तियों से सभी को खुश रखने और जाति एवं धर्म का सही संतुलन बनाने की कोशिश की गयी है. भाजपा की ओर से अपने वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को गुजरात का प्रभारी और चार केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, निर्मला सीतारमण, जितेंद्र सिंह और पीपी चौधरी को सह-प्रभारी बनाये जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने इन नियुक्तियों की घोषणा की है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने बताया कि चार नये कार्यवाहक अध्यक्षों में से एक पटेल, एक ओबीसी, एक आदिवासी और एक दलित समुदाय से है. गौरतलब है कि कांग्रेस पिछले 20 साल से अधिक समय से गुजरात की सत्ता से बाहर है.