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प्रवर्तन निदेशालय ने मांस निर्यातक मोईन कुरैशी को गिरफ्तार किया

नयी दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में विवादास्पद मांस निर्यातक मोईन कुरैशी और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में कुरैशी को गिरफ्तार किया है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि कुरैशी को पूछताछ के लिए बुलाये जाने के बाद कल देर रात गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया […]

नयी दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में विवादास्पद मांस निर्यातक मोईन कुरैशी और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में कुरैशी को गिरफ्तार किया है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि कुरैशी को पूछताछ के लिए बुलाये जाने के बाद कल देर रात गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि मांस निर्यातक को धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया। उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा. अधिकारी ने आरोप लगाया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.

धन शोधन निवारण कानून के तहत दो प्राथमिकियां दर्ज करने के बाद से एजेंसी कुरैशी के खिलाफ जांच कर रही है. उनसे पहले भी कई बार पूछताछ की जा चुकी है. इस साल उनके खिलाफ दायर नई प्राथमिकी में सीबीआई के पूर्व निदेशक ए पी सिंह का नाम भी शामिल है. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर अभियोजक की शिकायत के आधार पर साल 2015 में कुरैशी के खिलाफ पीएमएलए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.
मांस निर्यातक कुरैशी कर चोरी, धन शोधन और भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी आयकर विभाग और सीबीआई की जांच का सामना कर रहा है. आयकर विभाग काला धन (अज्ञात विदेशी आय और संपत्ति) एवं कर अधिरोपण कानून, 2015 के तहत कुरैशी की जांच कर रहा है. जांच में पाया गया था कि मांस निर्यातक और उनके परिजन के पास विदेशों में गैरकानूनी संपत्ति है और उन्होंने भारतीय कर अधिकारियों को इसके बारे में सूचित नहीं किया था. आयकर विभाग ने फरवरी 2014 में कुरैशी और उसकी कंपनी के खिलाफ छापेमारी की थी, जिसके बाद यह मामला सामने आया था.
कौन है मोइन कुरैशी
मोइन कुरैशी मीट का निर्यातक है. उसने उत्तरप्रदेश के रामपुर से अपना कारोबार शुरू किया था. वह बड़े मांस निर्यातकों में गिना जाता है. कई हाई प्रोफाइल लोगों से उसके अच्छे रिश्ते हैं. इनमें सीबीआई के बड़े अधकारियों के भी नाम आ रहे हैं. पूर्व सीबीआइ चीफ रंजीत सिन्हा के घर की विजिटिंग डायरी में 90 से ज्यादा बार मोइन का नाम था. सुनंदा पुष्कर से 2013 में ब्लैकबेरी मैसेज के जरिए उसकी बात हुई थी. सुनंदा ने मोइन को डिनर पर बुलाया था. यह बात इस मर्डर की जांच में सामने आया.

अक्टूबर 2016 को हुआ था फरार
मोइन कुरैशी अक्टूबर 2016 में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से एयरपोर्ट अधिकारियों को झांसा देकर फरार हुआ था. ईडी ने कुरैशी के खिलाफ विदेशी विनिमय प्रबंध कानून यानी फेरा के तहत जांच शुरू की थी. यह जांच आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों पर आधारित थी. इन दस्तावेजों में इस मांस कारोबारी और उसकी कंपनियों के हवाला कारोबार में संलिप्तता और फेमा कानून के उल्लंघन में शामिल होने के संकेत थे.

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