मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजा गया मांस निर्यातक मोइन कुरैशी

नयी दिल्ली: विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन अख्तर कुरैशी को शहर की एक अदालत ने उनके और अन्य के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की गहन जांच की खातिर 31 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में शनिवार को भेज दिया. विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने आरोपी को 31 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2017 10:59 PM

नयी दिल्ली: विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन अख्तर कुरैशी को शहर की एक अदालत ने उनके और अन्य के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की गहन जांच की खातिर 31 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में शनिवार को भेज दिया. विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने आरोपी को 31 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया, जब जांच एजेंसी ने कहा कि अपराध से हासिल धन और धन कैसे और किस तक पहुंचा और दस्तावेजों के साथ उनका सामना कराने के लिये हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है.

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हालांकि, कुरैशी की 14 दिन के लिए हिरासत की मांग करते हुए ईडी के विशेष अभियोजक एनके मट्टा ने अदालत से कहा कि कुरैशी के पास इस मामले में और साक्ष्य हैं और वह इसे रोककर रखे हुए हैं और जांच को जोखिम में डाल रहे हैं. अदालत ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए और ईडी को गहन जांच पूरी करने में सक्षम बनाने के लिये मोइन अख्तर कुरैशी को पांच दिन के लिए 31 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा जाता है.

एजेंसी ने अदालत से कहा कि गवाहों ने अपने बयान में इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने अपने कर्मचारियों के जरिये कुरैशी और उनके सहयोगियों के लिए करोड़ों रुपये सौंपे हैं. इसके साथ ही, गवाहों में से एक ने कहा कि सीबीआई मामले में उन्हें प्रदान की गयी मदद के बदले में आरोपी ने अपने और अपने मित्र के पास से तकरीबन एक करोड़ 75 लाख र.पये पहुंचाये हैं. एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि कुरैशी दिल्ली के हवाला ऑपरेटर परवेज अली और ग्रेटर कैलाश पार्ट-वन में डीएस आनंद के स्वामित्व वाली मेसर्स साउथ डेल्ही मनी चेंजर के जरिये हवाला लेनदेन में शामिल था.

एजेंसी के अनुसार, कुरैशी को धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत शुक्रवार की देर रात गिरफ्तार किया गया, जब वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. कुरैशी से एजेंसी ने अतीत में कई बार पूछताछ की है. पीएमएलए के तहत दो प्राथमिकियां दर्ज किये जाने के बाद उनसे पूछताछ की जा रही है. उन्हें पिछली प्राथमिकी में लगाये गये अपराध के आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. उस प्राथमिकी में पूर्व सीबीआई निदेशक एपी सिंह को भी नामजद किया गया है.

इससे पहले कुरैशी के खिलाफ पीएमएलए मामला ईडी ने 2015 में दर्ज किया था. यह मामला आयकर अभियोजन की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. कुरैशी आयकर विभाग और सीबीआई से कथित कर चोरी, धनशोधन और भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों के लिये जांच का सामना कर रहे हैं.

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