मन की बात : आस्था के नाम पर कानून को हाथ में लेने का हक किसी को नहीं
नयी दिल्ली :मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा पर चिंता जताई. पीएम मोदी ने कहा कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती. हिंसा ना ही देश बर्दाश्त करेगा और ना ही सरकार. आस्था के नाम पर कानून हाथ में लेने का अधिकार […]
नयी दिल्ली :मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा पर चिंता जताई. पीएम मोदी ने कहा कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती. हिंसा ना ही देश बर्दाश्त करेगा और ना ही सरकार. आस्था के नाम पर कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है. ये देश गांधी और बुद्ध का है. हिंसा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पीएम ने कहा कि मैंने लाल किले से भी कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी. हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा दे के रहेगा.
जनधन की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के साथ जिसका खाता खुला, उसको बीमा का भी लाभ मिला है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ से, बैंकों से बिना कोई गारन्टी पैसे मिले और करोड़ों नौज़वान स्वयं अपने पैरों पर खड़े हुए. जन-धन योजना, insurance, RuPay Card, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के कारण कैसा लाभ हुआ है सर्वे करवाया, बड़ी प्रेरक घटनायें मिली.28 अगस्त को ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ के अभियान को 3 साल हो रहे हैं. 30 करोड़ परिवारों को इसके साथ जोड़ा है, बैंक अकाउंट खोला है.
Conveyed greetings for various festivals and highlighted how festivals can create awareness on cleanliness. https://t.co/UIrbOyAXcl
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2017
तीन वर्षो में शौचालयों का कवरेज 67 प्रतिशत हुआ, 2.30 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए
महात्मा गांधी की जयंती से पहले ‘सेवा में स्वच्छता ‘ का अभियान चलाने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पिछले तीन वर्षो में स्वच्छता अभियान के सकारात्मक परिणाम आए हैं और इस दौरान शौचालयों का कवरेज 67 प्रतिशत हो गया है, साथ ही 2 लाख 30 हजार से भी ज्यादा गाँव, खुले में शौच से मुक्त घोषित हुए हैं. आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात ‘ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ ‘ ‘स्वच्छता ही सेवा ‘ – जैसे पहले कहते थे ‘जल सेवा यही प्रभु सेवा ‘, ‘स्वच्छता ही सेवा ‘ की एक मुहिम चलायें और पूरे देश में स्वच्छता के लिए माहौल बनाएं.
‘ उन्होंने कहा ‘ ‘ मैं आपसे आग्रह करता हूं कि स्वच्छता कार्य को एक आन्दोलन के रुप में करें और मैं सभी एनजीओ को, स्कूलों को, कालेजों को, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक नेतृत्व को, सरकार के अफसरों को, कलेक्टरों को, सरपंचों को हर किसी से आग्रह करता हूँ कि 2 अक्तूबर महात्मा गाँधी की जन्म-जयंती के पहले ही, 15 दिन, हम एक ऐसी स्वच्छता का वातावरण बनाएं, ऐसा स्वच्छता खडी कर दें कि 2 अक्तूबर सचमुच में गाँधी के सपनों वाला 2 अक्तूबर हो जाए ‘ ‘ मोदी ने कहा कि तीन वर्ष पूर्व जब स्वच्छता का अभियान प्रारंभ किया गया था, 2 अक्तूबर को उसको तीन साल हो जायेंगे और, उसके सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं .2 लाख 30 हजार से भी ज्यादा गाँव, खुले में शौच से अपने आपको मुक्त घोषित कर चुके हैं . उन्होंने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय Mygov.in पर एक खंड बनाया है जहाँ शौचालय निर्माण के बाद आप अपना नाम और उस परिवार का नाम प्रविष्ट कर सकते हैं, जिसकी आपने मदद की है.
मेरे सोशल मीडिया के मित्र कुछ रचनात्मक अभियान चला सकते हैं और वर्चुअल वर्ल्ड का धरातल पर काम हो, उसकी प्रेरणा बना सकते हैं ष उन्होंने कहा कि स्वच्छ-संकल्प से स्वच्छ-सिद्धि प्रतियोगिता, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा ये अभियान जिसमें निबंध की स्पर्धा है, लघु-फिल्म बनाने की स्पर्धा है, इसके साथ ही चित्रकला -प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है ष इसमें आप विभिन्न भाषाओँ में निबंध लिख सकते हैं और उसमें कोई उम्र की मर्यादा नहीं है, कोई आयु सीमा नहीं है.
आप लघु फिल्म बना सकते हैं, अपने मोबाइल से बना सकते हैं . 2-3 मिनट की फिल्म बना सकते हैं जो स्वच्छता के लिए प्रेरणा देश वो किसी भी भाषा में हो सकती है, वो मूक भी हो सकती है. मोदी ने कहा कि इन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालों में से वो सर्वश्रेष्ठ तीन लोग चुने जायेंगे, जो जिला स्तर पर तीन और राज्य स्तर पर तीन सर्वश्रेष्ठ में से होंगे और उनको पुरस्कार दिया जाएगा तो मैं हर किसी को निमंत्रण देता हूँ कि आइये, स्वच्छता के इस अभियान के इस रूप में भी आप जुडें ष प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ ‘ मैं फिर एक बार कहना चाहता हूँ कि इस बार 2 अक्तूबर गाँधी जयंती को ‘स्वच्छ 2 अक्तूबर ‘ मनाने का संकल्प करें और इसके लिए 15 सितम्बर से ही ‘स्वच्छता ही सेवा ‘ इस मंत्र को घर-घर पहुंचायें. स्वच्छता के लिए कोई-न-कोई कदम उठाएं . स्वयं परिश्रम करके इसमें हिस्सेदार बनें. आप देखिए, गाँधी जयंती का यह 2 अक्तूबर कैसी चमकेगा. ‘ ‘ उन्होंने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं 15 दिन के इस अभियान के बाद, ‘स्वच्छता ही सेवा ‘ के बाद, 2 अक्तूबर को जब हम गाँधी जयंती मनाएगें तो पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देने का हमारे भीतर कितना पवित्र आनंद होगा.