मोदी के करीबी अमित शाह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज
बिजनौर-दिल्ली: ‘‘बदला’’ लेने वाले अपने बयान पर दो प्राथमिक्रियां दर्ज होने के बाद नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी अमित शाह मुश्किल में पड गए हैं और अब यह पूरा मामला चुनाव आयोग की निगरानी के दायरे में आ गया है. बिजनौर और मुजफ्फरनगर जिले में दो प्राथमिकियां दर्ज किए जाने की निंदा करते हुए भाजपा […]
बिजनौर-दिल्ली: ‘‘बदला’’ लेने वाले अपने बयान पर दो प्राथमिक्रियां दर्ज होने के बाद नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी अमित शाह मुश्किल में पड गए हैं और अब यह पूरा मामला चुनाव आयोग की निगरानी के दायरे में आ गया है. बिजनौर और मुजफ्फरनगर जिले में दो प्राथमिकियां दर्ज किए जाने की निंदा करते हुए भाजपा ने कहा कि प्राथमिकी ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ है और उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल के सांप्रदायिकरण एवं ध्रुवीकरण के लिए ऐसा किया जा रहा है.
मुख्य चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा ने लखनउ में ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘शाह के भाषण में कुछ आपत्तिजनक चीजें होने की वजह से जिलाधिकारी की तरफ से आईपीसी और जनप्रतिधित्व कानून की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया गया है. सिन्हा ने कहा कि शाह के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (लोगों को भडकाना) और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 (अलग-अलग वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
शाह के खिलाफ ‘बदला लेने’ सम्बन्धी हाल के बयान के जरिये लोगों को कथित तौर पर उकसाने के लिए दूसरी प्राथमिकी मुजफ्फरनगर जिले के शामली में दर्ज की गई.जिला मजिस्ट्रेट एन पी सिंह ने आज यहां प्रेस ट्रस्ट को बताया कि शाह के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 ( विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. शामली में दिए गए उनके भाषण का वीडियो देखने के बाद आदर्श मंडी पुलिस थाने में शाह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
सिंह ने बताया कि वीडियो देखने के बाद शाह का बयान आपत्तिजनक और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला पाया गया. कल कांग्रेस की तरफ से की गई एक शिकायत के बाद शाह के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है. कांग्रेस ने भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी शाह पर आरोप लगाया था कि वह ‘‘समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर रहे हैं’’ और उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत अपराध किया है. उत्तर प्रदेश के चुनाव अधिकारियों ने मुजफ्फरनगर में शाह द्वारा दिए गए बयान की सीडी और जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट को लखनउ में चुनाव आयोग के पास भेज दिया था. सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कल शाह के बयान का संज्ञान लिया था और जिले के अधिकारियों से सीडी के साथ-साथ विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी थी. शाह लोकसभा चुनाव नहीं लड रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि शाह के विवादित बयान को दिल्ली में चुनाव आयोग के मुख्यालय ‘निर्वाचन सदन’ भेज दिया गया है.चुनाव आयोग कल होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर कोई फैसला कर सकता है. केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने आरोप लगाया कि चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने के लिए सपा और भाजपा ने हाथ मिला लिया है. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि उत्तर प्रदेश में मोदी और शाह के चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगाई जाए.
शाह के बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा के बचाव को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि वह ‘‘ढोंग’’ की कला में माहिर है.शाह ने यह बयान देकर विवाद पैदा कर दिया है कि आम चुनाव, खासकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में, ‘‘सम्मान का चुनाव’’ है. यह अपमान का बदला लेने का चुनाव है. यह उन लोगों को सबक सिखाने का चुनाव है जिन्होंने अन्याय किया है.
बहरहाल, शाह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किए जाने को लेकर भाजपा ने सपा, कांग्रेस और बसपा पर यह कहते हुए हमला बोला कि उत्तर प्रदेश में चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की सोची-समझी साजिश के तहत ऐसा किया गया है और यह कार्रवाई वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है.