चेन्नई : अन्नाद्रमुक के बागी नेता दिनाकरण पर पलटवार करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में बताया गया कि उन्हें 10 अगस्त को ही पार्टी उप महासचिव के पद से हटा दिया गया था और उन्होंने पार्टी में जो बदलाव किए हैं वह अवैध हैं.
पार्टी में मंजूर किए गए एक प्रस्ताव में कहा गया, ‘ ‘दिनाकरण को उन लोगों को पार्टी पदों से हटाने का कोई अधिकार नहीं है, जिन्हें अन्नाद्रमुक की दिवंगत प्रमुख जयललिता ने नियुक्त किया था और इस संबंध में उन्होंने जो ऐलान किए हैं पार्टी उन्हें मानने के लिए बाध्य नहीं है.
बैठक में मंत्रियों , विधायकों और वरिष्ठ पदाधिाकारियों ने शिरकत की और इस दौरान एक अन्य प्रस्ताव पारित कर आम परिषद की बैठक जल्द बुलाने पर सहमति जताई गई ताकि जेल में बंद पार्टी प्रमुख वी के शशिकला को बाहर करने का रास्ता बन सके. शशिकला के भतीजे दिनाकरण का दावा है कि उनके पास 21 विधायकों का समर्थन है और वह पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग कर रहे है.
वह पार्टी में अपना रुतबा फिर से हासिल करने और पार्टी पदाधिकारियों में फेरबदल करने की भी कोशिश कर रहे है. खास तौर से जिला सचिवों के पद में, जिसे पार्टी की द्रविड विरासत में महत्वपूर्ण पद माना जाता है.
इत्तफाक की बात है कि दिनाकरण ने कल ही पलानीस्वामी को पार्टी के सलेम जिला सचिव पद से हटाने का ऐलान किया था. दिनाकरण खेमे ने आज के प्रस्तावों को लेकर हो हल्ला मचाते हुए कहा कि केवल पार्टी के महासचिव को ही पार्टी के नीति निर्धारक निकाय आम परिषद की बैठक बुलाने का अधिकार है.
उनका दावा है कि अन्नाद्रमुक मुख्यालय में हुई बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया. बैठक में अन्य लोगों के अलावा उप मुख्यमंत्री और पार्टी के सह समन्वयक ओ पनीरसेल्वम भी मौजूद थे. बैठक में मंजूर किए गए चार प्रस्तावों में से पहले में कहा गया है कि पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में दिनाकरण को 10 अगस्त 2017 को पार्टी के उपमहासचिव के पद से हटा दिया गया है. आज की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी कदम उठाए जाएंगे कि पार्टी समथर्ति मीडिया ‘नमथू डा. एमजीआर ‘ ‘ और ‘ ‘जया टीवी ‘ ‘ जयललिता का गुणगान करते रहेंगे। इसे दिनाकरण खेमे से इनका नियंत्रण लेने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
पलानीस्वामी और दिनाकरण के बीच टकराव के बाद से दोनो मीडिया इकाइयां खुलकर शशिकला खेमे का पक्ष ले रही थीं. एक अन्य प्रस्ताव में पार्टी और इसकी सरकार की ‘ ‘हिफाजत ‘ ‘ करने की प्रतिबद्धता जताई गई. बैठक में दिनाकरण के समर्थक 21 विधयकों के अलावा अन्नाद्रमुक के कुछ विधायक भी शामिल नहीं हुए. यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक में कितने विधायकों और सांसदों ने शिरकत की। 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 134 विधायक हैं. एक सीट खाली है.
इस बीच एकीकृत अन्नाद्रमुक के सूत्रों ने कहा कि मंत्रियों का एक समूह चुनाव आयोग के पास जाएगा और विलय से पहले पलानीस्वामी खेमे द्वारा शशिकला के पक्ष में दिए गए हलफनामे वापस लेगा. सूत्रों का कहना था कि यह समूह जल्द दिल्ली के लिए रवाना होगा.