शिमला : शिमला के चर्चित कोटखाई दुष्कर्म और हत्या तथा पुलिस हिरासत में एक आरोपी की हुई मौत मामले में सीबीआइ ने आइजी और डीएसपी समेतआठ पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने इस सामूहिक बलात्कार एवं हत्या और एक आरोपी की हिरासत में मौत मामले की जांच 19 जुलाई को सीबीआइ को सौंपी थी. सबूतों को नष्ट करने के आरोप में हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी रेंज के आइजी जहूर एस जैदी, डीएसपी मनोज जोशी औरछह अन्य पुलिसकर्मियों को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है. जिनछह पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हुई है उनमें कोटाखाई के एसएचओ राजेंद्र सैनी, एएसआइ दीप चंद शर्मा, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली और कांस्टेबल रंजीत सिंह शामिल हैं. सीबीअाइ ने 22 जुलाई को इस मामले में दो एफआइआर दर्ज की थी.
गौरतलब है कि चार जुलाई को शिमला से 56 किमी दूर कोटखाई में आरोपियों ने 16 वर्षीय स्कूली छात्रा को लिफ्ट दी और नजदीकी जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी. नाबालिग की लाश दो दिन बाद बरामद हुई थी. उसके शरीर पर चोट के कई निशान पाये गये थे.
गौरतलब है कि चार जुलाई को आरोपी राजेंद्र ऊर्फ राजू अपने दोस्त आशीष और सुभाष के साथ जा रहा था. उसने रास्ते में 10वीं की छात्रा को गाड़ी रोक कर लिफ्ट देने की बात कही. छात्रा राजू को पहले से जानती थी. राजू अक्सर स्कूली बच्चों को ले जाता था. इस कारण गुड़िया को शक नहीं हुआ और वह उसके साथ गाड़ी में बैठ गयी. पुलिस के मुताबिक राजू और उसके दोस्त शराब के नशे में थे. उन्होंने बीच जंगल में गाड़ी रोकी और छात्राके साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया और फिर उस की हत्या कर लाश को जंगल में फेंक दिया था. पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी राजू समेत आशीष, सुभाष, दीपक, सूरज और लोकजन को गिरफ्तार किया था.
मामलेमें गिरफ्तार आरोपियों में से राजू ने सूरज की जेल में हत्या कर दी थी. सूरज की हत्या से गुस्साये लोगों ने कोटखाई थाने का घेराव किया था. गुस्साये लोगों ने थाने पर पथराव किया और आग लगा दी थी. पथराव में छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जबकि मदद के लिए सीआरपीएफ को बुलाया गया था. बताया जाता है कि मुख्य आरोपी राजू का दूसरे आरोपी सूरज के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ. देखते ही देखते दोनों आपस में भिड़ गये, जिसमें राजू ने सूरज को जमीन पर पटक दिया. जिससे सूरज की मौत हो गयी. आरोपियों का पुलिस रिमांड 20 जुलाई को खत्म हो रहा था और उन्हें कोर्ट में पेश किया जाना था. मामले में सूरज की हत्या के बाद पूरा कोटखाई थानेको सस्पेंड और एसएचओ समेत सभी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था. सूरज की हाजत में हुई हत्या ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे थे.