श्योपुर (मध्यप्रदेश): देश में एक तरफ गौ हत्या, राम मंदिर या बाबरी मस्जिद. अजान और भजन के लिए लाउडस्पीकर पर बहस हो रही है, तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के एक छोटे से इलाके से आयी खबर देश को एक सूत्र में बांधने की कोशिश करती है. साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए यहां 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिये अपनी जमीन दान में दी है. श्योपुर के अनुविभागीय दंडाधिकारी आर बी सिण्डोसकर ने आज बताया, ‘ ‘श्योपुर के वार्ड नंबर-एक में रहने वाले जावेद अंसारी ने अपनी बगवाज गांव स्थित जमीन का एक हिस्सा वहां के इमली वाले हनुमान मंदिर समिति को हाल में दान में दी है.
दान दी गई यह जमीन करीब 1905 वर्ग फुट है. उन्होंने कहा, ‘ ‘जावेद अंसारी ने अपने स्वामित्व की भूमि में से हनुमान मंदिर के लिए जमीन दान करने का आवेदन दिया था. आवेदन उपरांत जमीन के मालिक परिवार के सभी सदस्यों के बयान और सहमति से जमीन को ‘इमली वाले हनुमान मंदिर ‘ समिति के नाम कर दिया गया है. यह हनुमान मंदिर श्योपुर से करीब एक किलोमीटर दूर गुप्तेश्चर रोड स्थित मोतीपुर के पास बगवाज गांव में है. जमीन के मिल जाने से मंदिर में आने वाले भक्तों को अब बैठने के लिए जगह मिल जायेगी और इसकी चारदीवारी भी बन सकेगी.
अनुविभागीय दंडाधिकारी ने इस संबंध में 16 अगस्त को आदेश जारी कर कहा कि जावेद अंसारी द्वारा दान में दी गई इस जमीन की देखरेख अब ‘इमली वाले हनुमान मंदिर ‘ समिति करेगी. उन्होंने कहा कि यह भूमि ‘इमली वाले हनुमान मंदिर ‘ से सटी हुई है और अब समिति द्वारा उक्त भूमि पर चारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा.
आदेश में कहा गया है, भूस्वामी द्वारा स्वेच्छा से भूमि दान किया गया है. दान की भूमि में दोनों पक्षों की सहमति है. बगवाज गांव स्थित इमली वाले हनुमान मंदिर ‘ समिति के अध्यक्ष राजू वैश्य ने बताया कि जावेद अंसारी ने अपने भाइयों परवेज, शहनाज, शोएब एवं शादाब से सलाह मशविरा कर यह जमीन मंदिर को दी है. यह जमीन मंदिर के नाम कर दी गयी है और अब समिति की देखरेख में है.
इसी बीच, जमीन दान देने वाले जावेद अंसारी ने बताया, साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए मैंने यह जमीन हनुमान मंदिर को दान दी है. मेरा मानना है कि ऐसा काम करने से हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय के बीच भाईचारा बढेगा. वहीं, श्योपुर सद्भावना मंच ने जावेद के इस कदम का स्वागत किया और कहा है कि उसने मंदिर के लिए जमीन दान देकर हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की है.